भारत में भूखे पेट सोते हैं 19 करोड़ लोग, खाने की बर्बादी एक बड़ी वजह

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 03:46 PM (IST)

नई दिल्लीः भले ही देश के लोग मंगल पर बसने का विचार बना रहे हों लेकिन यह एक कड़वा सच है कि भारत की बड़ी आबादी आज भी भूखा सोती है। ऐसा नहीं है कि भारत में अनाज की कमी है या पैदावार कम है बल्कि अनाज जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता। युनाइटेड नेशन की फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत हर साल 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद कर देता है जो कि सालाना के हिसाब से 88,800 करोड़ रुपए बैठता है। वहीं दूसरी तरफ भारत में ही रोजाना 19 करोड़ 40 लाख लोग भूखे रहते हैं।
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बर्बाद सामान में 21 मिलियन टन गेहूं संबंधी उत्पादन होता है। वहीं जब फसल की कटाई होती है तो इसके बाद होने वाला नुकसान एक लाख करोड़ रुपए के करीब होता है। कुल उत्पादित होने वाली खाद्य सामग्री का 40% हर साल बर्बाद हो जाता है। FAO रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जनसंख्या को खिलाने के लिए हर साल 225-230 मिलियन टन खाने की जरूरत है।  2015-16 में 270 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वैश्विक भूख सूचकांक में भी भारत की स्थिति अच्छी नहीं है। 119 देशों में भारत 100वें नंबर पर है। गौरतलब है कि 2016 में भी एक रिपोर्ट आई थी। उसमें कहा गया था कि ब्रिटेन के लोग जितना खाना खाते हैं उतना भारतीय बर्बाद कर देते हैं। यह सबसे बड़ी बिडंवना है कि जिस देश में सबसे ज्यादा अन्न उत्पादन होता है, उसी देश के लोग भूखे से तड़पकर मर जाते हैं।

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