भारत-चीनी सैनिकों के बीच ''हिंसक टकराव'', LAC पर 1975 के बाद पहली बार भारतीय जवान शहीद

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 02:44 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पाकिस्तान की तरफ से अक्सर सीजफायर फायर उल्लखन की खबरें आती रहती हैं लोकन चीन के बॉर्डर पर काफी लंबे समय बाद सैनिकों में ऐसा टकराव देखने के मिला। लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। अधिकारियों ने कहा कि भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए बैठक कर रहे हैं।

 

45 साल बाद जवान शहीद
करीब 45 साल बाद भारत-चीन बॉर्डर पर हिंसा में सैनिक की शहादत हुई है। वैसे माना जाता है कि LAC बॉर्डर पर आखिरी फायरिंग (दोनों तरफ से) 1967 में हुई थी, लेकिन चीन की तरफ से 1975 में भी भारतीय सैनिकों पर हमला हुआ था।

 

भारत और चीन के बीच आखिरी गोली 1967 में चली
53 साल पहले सिक्किम में चीन-भारत के बीच झड़प हुई थी। चीन तब चिढ़ा हुआ था कि 1962 की जंग के बाद भारत उस इलाके में अपनी स्थिति लगातार बेहतर कर रहा था।  1967 की इस जंग में भारत के 80 जवान शहीद हुए थे। वहीं चीन के करीब 400 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी। तब से आज तक एक भी गोली सीमा पर नहीं चली है, भले ही दोनों देशों की फौज एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर सीमा का गश्त लगाने में लगी रहती है। हालांकि 1975 चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। बता दें कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। दोनों सेनाओं की तरफ से बातचीत भी जारी थी लेकिन यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।


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Seema Sharma

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