केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की 11,169 करोड़ रुपए की चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को दी मंजूरी
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 05:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार ने गुरुवार को भारतीय रेलवे की चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत 11,169 करोड़ रुपये है। ये परियोजनाएं छह राज्यों के 13 जिलों में फैली हुई हैं और इससे रेलवे नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यात्री सेवाओं और माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने के प्रस्तावों को हरी झंडी दी है।
स्वीकृत परियोजनाओं के बाद, भारतीय रेलवे को सालाना 95.91 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 में रेलवे का माल लदान 1,617.38 मिलियन टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.68 प्रतिशत अधिक है। इन परियोजनाओं से लगभग 2,309 गांवों की कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा, जिनकी कुल आबादी लगभग 4.36 मिलियन है।
परियोजनाओं का विवरण
मंजूर परियोजनाओं में इटारसी से नागपुर के बीच 5,451 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त रेल लाइन का विकास भी शामिल है। यह खंड दिल्ली-चेन्नई के उच्च घनत्व वाले रेल कॉरिडोर का हिस्सा है, जिससे यात्री और माल यातायात दोनों में गति और सुगमता बढ़ेगी।
इसके अलावा, डांगोअपोसी से जारोली तक अतिरिक्त रेल लाइनों का निर्माण इस्पात उत्पादन इकाइयों तक लौह अयस्क के परिवहन को सहज बनाएगा। रेल मंत्रालय के अनुसार, यह मार्ग देश के वार्षिक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन चार परियोजनाओं से कुल मिलाकर 11,509 करोड़ रुपये की रसद लागत में बचत होने की उम्मीद है।
रेलवे मंत्रालय का बयान
“यह परियोजनाएं कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। बढ़ी हुई लाइन क्षमता से रेलवे की गतिशीलता, परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। ये मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं परिचालन को सुव्यवस्थित करेंगी और भीड़भाड़ कम करेंगी,” रेलवे मंत्रालय ने कहा।
पीएम गति शक्ति योजना के अनुरूप
यह परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत चल रही हैं, जो आर्थिक क्षेत्रों को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 16 मंत्रालयों के समन्वित प्रयास से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। सीसीईए द्वारा यह छठी रेलवे-विशिष्ट परियोजना है जिसे मंजूरी मिली है। इससे पहले नई लाइनें जोड़ने और मौजूदा लाइनों का दोहरीकरण जैसे प्रोजेक्टों को हरी झंडी दी गई थी। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में अब तक 1.07 लाख करोड़ रुपये की 31 रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की जा चुकी है।