ऑस्ट्रेलिया में सिख सुरक्षा गार्ड पर जानलेवा हमला; पगड़ी का अपमान, सिख समुदाय में आक्रोश
punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 12:50 PM (IST)

सिडनीः ऑस्ट्रेलिया के बेंडिगो मार्केटप्लेस में एक सिख सुरक्षा गार्ड पर कुछ गुंडों ने हमला कर दिया और उसकी पगड़ी को अपमानित किया, जिससे सिख समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया। यह घटना तब हुई जब 20 वर्षीय सिख सुरक्षा गार्ड ने वहां शराब पी रहे और तेज आवाज में संगीत बजा रहे किशोरों को शांति बनाए रखने के लिए कहा। गुस्साए किशोरों ने सुरक्षा गार्ड पर हमला कर दिया और उसकी पगड़ी को फाड़ डाला। घटना के समय, एक समूह के नौ किशोर मार्केटप्लेस में शराब पी रहे थे और हंगामा कर रहे थे। जब सुरक्षा गार्ड ने उन्हें शांत रहने को कहा और वहां से जाने के लिए कहा, तो वे गुस्से में आ गए और उसकी पिटाई शुरू कर दी। मारपीट के दौरान, गार्ड की पगड़ी को खींचकर फाड़ दिया, जो सिखों के लिए अत्यंत सम्मानजनक प्रतीक है।
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इस हिंसक झड़प में कुछ दुकानदार और ग्राहक भी फंस गए। जब स्थिति बिगड़ी, तो कई लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए दुकानों में शरण लेनी पड़ी। हमलावरों ने दुकानदारों और ग्राहकों पर भी हमला किया, लेकिन किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आईं। पुलिस के पहुंचने से पहले, आरोपी घटनास्थल से भागने में सफल हो गए। हालांकि, पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी और हमलावरों की पहचान की। पुलिस ने हमलावरों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है। इन गिरफ्तार आरोपियों में 17 वर्षीय किशोर, 17 वर्षीय किशोरी, 15 और 14 वर्षीय नाबालिग लड़कियां शामिल हैं।
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इस घटना के बाद, ऑस्ट्रेलिया के सिख समुदाय में गहरा रोष फैल गया है। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल ने इस घटना पर अपनी नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि वे इस घटना पर तत्काल ऑस्ट्रेलिया सरकार से बात करें और सिख युवक को इंसाफ दिलवाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
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अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे "घृणित" बताया और कहा कि यह हमला न केवल एक सिख पर, बल्कि सिख धर्म और उसकी सांस्कृतिक पहचान पर हमला है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और केंद्र सरकार को इस मामले में कड़ा कदम उठाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में सिख समुदाय की बढ़ती संख्या और उनके प्रति ऐसे हमलों से चिंता बढ़ी है। सिख समुदाय के नेता और संगठनों ने इस हमले को गंभीरता से लिया है और मांग की है कि हमलावरों को कड़ी सजा दी जाए।