हे मां माताजी... हमारे प्यारे डब्बे! Tupperware के दिवालिया होने पर मीम्स की आई बाढ़

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 11:15 AM (IST)

नई दिल्ली: किचन के स्टोरेज प्रोडक्ट्स में प्रसिद्ध अमेरिकी कंपनी टपरवेयर ब्रांड्स कॉर्प ने हाल ही में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। इस खबर ने भारतीय उपभोक्ताओं, खासकर मांओं के बीच हलचल मचा दी है, क्योंकि टपरवेयर के उत्पाद लंबे समय से भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं। 

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टपरवेयर का दिवालियापन
कंपनी ने चैप्टर 11 बैंकरप्सी के लिए फाइल की है, जो एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत कंपनियां अपने कर्ज को पुनर्गठित करने की कोशिश करती हैं। टपरवेयर ने पहले भी आर्थिक संकट का सामना किया है, लेकिन हालिया स्थिति ने इसे बहुत गंभीर बना दिया है। इसकी कुल संपत्ति लगभग $500 मिलियन से $1 बिलियन के बीच है, जबकि इसके कुल कर्ज की राशि $1 बिलियन से $10 बिलियन तक पहुंच गई है। बता दें कि टपरवेयर की स्थापना 1946 में अर्ल टुपर द्वारा की गई थी, और यह लंबे समय से अपने विशेष प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है। इसकी उत्पाद श्रृंखला में स्टोरेज डिब्बे, बर्तन और अन्य किचन उपकरण शामिल हैं, जो कि अपनी गुणवत्ता और टिकाऊपन के लिए मशहूर हैं। हालांकि, कंपनी को घटती बिक्री और तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है, जिससे इसकी वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है।


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भारतीय मांओं ने कैसे दी प्रतिक्रिया
जैसे ही टपरवेयर के दिवालियापन की खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया। कई यूजर्स ने मीम्स के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। एक यूजर ने प्रसिद्ध अभिनेत्री किरन खेर का एक मीम साझा किया, जिसमें वह कान पर हाथ लगाए जोर से "नहीं" चिल्ला रही हैं। इस मीम के साथ लिखा गया, "भारतीय मांओं का अभी ये हाल है।" इसके अलावा, एक यूजर ने टीवी सीरियल 'तारेक मेहता का उल्टा चश्मा' के प्रसिद्ध डायलॉग "हे मां माताजी..." का मीम बनाया, जिसमें उन्होंने लिखा, "इस समय भारतीय मांओं की स्थिति कुछ ऐसी है।" इस प्रकार के मीम्स ने दर्शाया कि टपरवेयर के इस संकट ने कई लोगों को भावुक कर दिया है।

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भारतीय रसोई में टपरवेयर का महत्व
टपरवेयर का नाम सुनते ही भारतीय उपभोक्ताओं के मन में इसकी टिकाऊ और उपयोगी डिज़ाइन की छवि बन जाती है। यह सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि एक संस्कृति बन गई थी। भारतीय मांओं ने इसे अपनी रसोई में एक आवश्यक वस्तु के रूप में स्वीकार किया है। अब जब यह ब्रांड बैंकरप्ट हो गया है, तो इसके कई उपभोक्ता चिंता में हैं कि क्या उन्हें अपने प्रिय टपरवेयर उत्पादों को खोना पड़ेगा।

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अपने ब्रांड की छवि और उपभोक्ताओं के विश्वास 
बैंकरप्सी की प्रक्रिया के बाद, टपरवेयर के लिए संभावनाएं खुलती हैं। यह हो सकता है कि कंपनी अपने कर्ज को पुनर्गठित कर सके और एक नई रणनीति के साथ बाजार में लौटे। हालांकि, इसके लिए कंपनी को अपने ब्रांड की छवि और उपभोक्ताओं के विश्वास को फिर से स्थापित करना होगा। 


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Content Editor

Mahima

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