भारतीय शिक्षा क्षेत्र साइबर हमलों का सबसे बड़ा टारगेट, तीन महीने में 20 फीसदी बढ़ोतरी

punjabkesari.in Sunday, May 01, 2022 - 10:13 PM (IST)

नई दिल्लीः शैक्षणिक संस्थाओं और ऑनलाइन मंच (प्लेटफॉर्म) पर साइबर खतरे के लिहाज से भारत सबसे बड़ा लक्ष्य है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया और ब्राजील का स्थान है। इसके मुताबिक विश्व में पिछले साल के मुकाबले साइबर हमले बढ़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दूरस्थ शिक्षा की स्वीकार्यता, शिक्षा के डिजिटलीकरण और ऑनलाइन शिक्षण मंच की पूर्व उपलब्धता साइबर हमले के दायरे को बढ़ा देती है। ‘‘साइबर खतरे के निशने पर वैश्विक शिक्षा क्षेत्र'' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक शिक्षा क्षेत्र पर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में वर्ष 2021 के मुकाबले साइबर खतरा 20 फीसदी बढ़ गया है।

रिपोर्ट को सिंगापुर स्थित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित डिजिटल जोखिम प्रबंधन उद्यम ‘क्लाउडएसईके' के ‘खतरा शोध एवं सूचना विश्लेषण विभाग द्वारा' संकलित किया गया है। पिछले साल एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पाए गए खतरों में से 58 प्रतिशत के निशाने पर भारतीय या भारत आधारित शैक्षणिक संस्थान और ऑनलाइन मंच थे। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें बाइजूज, आईआईएम कोझीकोड और तमिलनाडु के तकनीकी शिक्षा निदेशालय पर किये गये हमले शामिल हैं। साइबर खतरे के 10 प्रतिशत लक्ष्य इंडोनेशिया में थे। कुल मिलाकर अमेरिका दुनियाभर में दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश था, जहां कुल 19 दर्ज घटनाएं दर्ज की गईं, जो उत्तरी अमेरिका में 86 प्रतिशत खतरों के लिए जिम्मेदार थीं। इनमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर रैमसमवेयर हमले शामिल हैं।

क्लाउडसेक के खतरा विश्लेषण से जुड़े मुख्य शोधकर्ता दर्शित आशारा के मुताबिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से बढ़ते वैश्विक शिक्षा और प्रशिक्षण बाजार के वर्ष 2025 तक 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में जोर देकर कहा है कि शिक्षा क्षेत्र के आकार और प्रभाव को देखते हुए, संस्थानों, छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि एकत्रित और संग्रहित जानकारी लीक ना हो और साइबर अपराधी इसका दुरुपयोग न कर सकें। रिपोर्ट में साइबर हमलों और ऑनलाइन घोटालों के बारे में उपयोगकर्ताओं को जागरूक करने, मजबूत पासवर्ड नीतियों को लागू करने और बहु-स्तरीय प्रमाणीकरण (एमएफए) को अपनाने समेत सॉफ्टवेयर और सिस्टम-नेटवर्क को नियमित रूप से अपडेट करने पर जोर दिया गया है। यह भी कहा गया है कि संस्थानों को अवैध आईपी पते को ब्लॉक करना चाहिए।

 


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Content Writer

Yaspal

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