LAC पर तनाव के बीच 50 किमी दूरी पर निशाना लगाने में सक्षम गोला बारूद का ऑर्डर देगी भारतीय सेना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 05:56 PM (IST)

नई दिल्लीः सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण उपकरणों की कमी को दूर करने के लिए आपातकालीन खरीद की सरकार से अनुमति मिलने के बाद भारतीय सेना अधिक से अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए 50 किमी दूरी पर निशाना लगाने में सक्षम आर्टिलरी गोला-बारूद  के लिए आदेश देने की योजना बना रही है। पिछले साल मिली आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत एक्सकैलिबर गोला-बारूद को पश्चिमी सेक्टर में आबादी क्षेत्रों के करीब दुश्मन की पोजिशन को निशाना बनाने के लिए सेना में शामिल किया गया था। रक्षा सूत्रों नए एएनआई के हवाले से बताया कि अब फिर से सशस्त्र बलों को वित्तीय ताकतें दी गई हैं और अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक्सकैलिबर गोला बारूद के लिए फिर से आदेश देने की योजना है, जिसे ऊंचाई वाले पहाड़ों पर आसानी से तैनात किया जा सकता है।

पिछले साल के आदेशों के बाद सेना को अक्टूबर तक अमेरिका से गोला-बारूद मिलना शुरू हो गया था जो कि पिन पॉइंट की सटीकता से निशाना लगाने में सक्षम थे। यह ऑर्डर ऐसे समय में दिया जा रहा है जब चीन ने पूर्वी लद्दाख के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब अपनी आर्टिलरी को तैनात किया हुआ है। केंद्र सरकार ने तीनों सेवाओं के उप प्रमुखों को कमियों और आवश्यकताओं उसे दुरुस्त करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत आवश्यक हथियार प्रणालियों का अधिग्रहण करने के लिए प्रति प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियां दे दी हैं।
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उरी हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी दी गई थीं ये शक्तियां
पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ वहां बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात करने के बाद सरकार द्वारा इस शक्ति को फिर से सेना को देने की आवश्यकता महसूस की गई थी। उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट हवाई हमलों के बाद सशस्त्र बलों को ऐसी ही वित्तीय शक्तियां दी गईं थीं।

वित्तीय शक्ति मिलने से भारत को मिलेगी ये मदद
गौरतलब है कि चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने हथियार और गोला बारूद खरीदने के लिये सेना के तीनों अंगों को 500 करोड़ रुपये तक की प्रति खरीद परियोजना की आपात वित्तीय शक्तियां दी हैं। सेना के तीनों अंगों में थल सेना, वायुसेना और नौसेना आते हैं। सूत्रों ने बताया कि विशेष वित्तीय शक्तियां बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने अभियान तैयारियों को बढ़ाने के लिये बहुत कम समय में हथियार एवं सैन्य साजो सामान की खरीद के लिये दी गई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एक ही विक्रेता से जरूरी हथियार एवं उपकरणों की खरीद करने जैसी विशेष छूट देकर सैन्य खरीद में विलंब में भी कटौती की है।


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Yaspal

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