''प्लानिंग की, ट्रेनिंग की और एक्शन लिया... न्याय हुआ'', भारतीय सेना ने जारी किया ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो
punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 12:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क : इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है। इस वीडियो में भारतीय सेना के जवान पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट करते नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ सेना ने लिखा है, 'प्लानिंग की, ट्रेनिंग की और एक्शन लिया... न्याय हुआ।' सेना का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को वह सबक देने के लिए चलाया गया, जिसे वह दशकों से नहीं सीख पाया।
सेना ने वीडियो में क्या कहा?
भारतीय सेना ने अपने वीडियो में बताया कि, 'यह सब पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से शुरू हुआ। गुस्सा नहीं था, लेकिन दिमाग में एक बात थी, अबकी बार ऐसा सबक सिखाना है जो दुश्मन की आने वाली पीढ़ियों को याद रहे। ये बदला नहीं था, ये न्याय था।' सेना ने यह भी बताया कि 9 मई की रात करीब 9 बजे, पाकिस्तान की जिन पोस्टों से सीजफायर तोड़ा गया, उन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया गया।
#WATCH | Western Command - Indian Army posts a video of Operation Sindoor on its social media handle 'X'.
— ANI (@ANI) May 18, 2025
"Planned, trained & executed. Justice served"- Indian Army pic.twitter.com/Z3SwvGS1j3
कब शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 6-7 मई की रात हुई थी। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान, भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस अभियान में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
पाकिस्तान की ओर से हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने भारत के शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू कर दिए। इन हमलों का भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को भी निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया।
सीजफायर की अपील और समझौता
लगातार नुकसान उठाने के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील की। इसके बाद 10 मई की शाम को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता हुआ। हालांकि, तब तक भारतीय सेना पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंचा चुकी थी। सेना ने साफ कर दिया है कि यह कोई बदले की कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद और सीमा उल्लंघन के खिलाफ न्यायपूर्ण कार्रवाई थी।