चीन ने मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी पर उगला जहर, स्वतंत्रता-संप्रभुता और स्वायत्तता का मुद्दा उठाया

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 04:45 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कःमालदीव के साथ समझौते के तहत भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है औरसैनिकों का पहला जत्था मालदीव छोड़ चुका है। इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सरकार के साथ दोस्ती बढ़ा रहे चीन ने भारतीय सैनिकों की वापसी पर जहर उगला है। चीन ने इसे मालदीव की संप्रभुता और स्वायत्तता से जोड़ दिया है। मालदीव से भारतीय सैनिकों का पहला बैच वापस लौट गया है। इनकी जगह भारत से गए असैन्य कर्मियों ने भारतीय प्लेटफॉर्मों को ऑपरेट करने का चार्ज भी संभाल लिया है। 

 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले बैच के प्रस्थान को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, "चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने में मालदीव का समर्थन करता है और स्वतंत्रता और स्वायत्तता के आधार पर सभी पक्षों के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और सहयोग विकसित करने में मालदीव का समर्थन करता है।"

 

रिपोर्ट है कि चीनी नौसेना मालदीव में एक नौसैनिक रडार स्थापित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मुइज्जू सरकार की ओर से जरूरी मंजूरी भी दे दी गई है। मुइज्जू ने खुद कहा था कि उनकी सरकार अगले कुछ महीनों में मालदीव के आर्थिक अनन्य क्षेत्र की निगरानी के लिए रडार स्थापित करने जा रही है। चूंकि मालदीव के पास ऐसे रडार बनाने की कोई क्षमता नहीं है। ऐसे में संभावना है कि इस नौसैनिक रडार को चीन स्थापित करे। चीनी रडार स्थापित होने से भारत की जासूसी का खतरा बढ़ जाएगा। इतना ही नहीं, चीन हिंद महासागर से होने वाले समुद्री परिवहन पर भी नजर रख सकेगा।

 

फरवरी के अंतिम हफ्ते में 26 भारतीय असैन्य कर्मियों का एक दल मालदीव पहुंचा था। बताया जा रहा है कि भारत ने मालदीव को गिफ्ट किए एक हेलीकॉप्टर को भी बदल दिया है। मालदीव की चीन समर्थ मुइज्जू सरकार इसे अपनी जीत के तौर पर प्रचारित कर रही है। इस बीच भारतीय सैनिकों की वापसी पर मुइज्जू के आका चीन की भी प्रतिक्रिया आ गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर मालदीव की स्वतंत्रता, संप्रभुता और स्वायत्तता का राग अलापा है


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Recommended News

Related News