भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, समिट फॉर डेमोक्रेसी में बोले पीएम मोदी
punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 05:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है और इससे साबित होता है कि लोकतंत्र अच्छा कर सकता है। ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी, 2023' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार की हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है।
भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है
उन्होंने कहा, ‘‘कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यह अपने आप में लोकतंत्र और दुनिया के लिए सबसे अच्छा विज्ञापन है। यह अपने आप में कहता है कि लोकतंत्र अच्छा कर सकता है।'' मोदी लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। इसकी सह-मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स, जाम्बिया के राष्ट्रपति हाकाइंडे हिचिलेमा, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने की।
India, despite the many global challenges, is the fastest-growing major economy today. This itself is the best advertisement for democracy in the world. This itself says that democracy can deliver: PM Narendra Modi at Summit for Democracy pic.twitter.com/BTK4mBss32
— ANI (@ANI) March 29, 2023
सम्मेलन का आयोजन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून-सुक-योल ने किया है। सम्मेलन का उद्देश्य लोकतंत्र को अधिक जवाबदेह और लचीला बनाना तथा वैश्विक लोकतांत्रिक प्रणाली को नया रूप देने के लिए साझेदारी का वातावरण तैयार करना है। सम्मेलन में मुख्य तीन बिन्दुओं पर विचार-विमर्श होगा। ये हैं- लोकतंत्र को मजबूत करना और अधिनायकवाद से बचाना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई तथा मानवाधिकारों के प्रति सम्मान।
भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है
मोदी ने सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचित नेताओं का विचार दुनिया के बाकी हिस्सों से बहुत पहले प्राचीन भारत में एक आम बात था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा महाकाव्य महाभारत नागरिकों के पहले कर्तव्य का वर्णन करता है कि वे अपना नेता चुनते हैं। हमारे पवित्र वेदों में व्यापक आधार वाले सलाहकार निकायों द्वारा राजनीतिक शक्ति का प्रयोग किए जाने की बात कही गई है। प्राचीन भारत में गणतांत्रिक राज्यों के कई ऐतिहासिक प्रमाण भी हैं जहां शासक वंशानुगत नहीं थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र सिर्फ एक संरचना नहीं है, यह एक भावना भी है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
'सबका साथ, सबका विकास'
यही कारण है कि भारत में हमारा मार्गदर्शक दर्शन 'सबका साथ, सबका विकास' है, जिसका अर्थ है समावेशी विकास के लिए मिलकर प्रयास करना।'' उन्होंने कहा कि चाहे जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का भारत का प्रयास हो, वितरित भंडारण के माध्यम से जल संरक्षण हो या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो, हर पहल यहां के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत की प्रतिक्रिया लोगों द्वारा संचालित थी।'' मोदी ने कहा कि देश की ‘‘टीका मैत्री'' पहल ‘वसुधेव कुटुम्बकम' के मंत्र से भी निर्देशित है, जिसका अर्थ है 'एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य'।