QS ASIA रैंकिंग 2025 में भारत ने चीन को पछाड़ा: टॉप यूनिवर्सिटी की लिस्ट में IIT दिल्ली रहा अव्वल
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 01:23 PM (IST)
नेशनल डेस्क। QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में भारत ने चीन से बेहतर प्रदर्शन किया ओर चीन को पछाड़ दिया है। बता दें कि देश दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी की रैंकिंग करने वाली QS Asia University Rankings 2025 की सूची जारी हो गई हैं। इस सूची में आईआईटी दिल्ली ने आईआईटी बॉम्बे को पछाड़ते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया है। एशिया में टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में आईआईटी दिल्ली 44वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं आईआईटी बॉम्बे 48वें पायदान पर रहा। आइए जानतें हैं इस रैंकिंग में भारतीय शिक्षण संस्थानों की क्या स्थिति रही?
IIT दिल्ली व बॉम्बे इन मानदंडों पर उतरे खरे
बता दें कि आईआईटी दिल्ली ने पीएचडी वाले स्टाफ मानदंड पर अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं आईआईटी बॉम्बे एकेडमिक रेपुटेशन और एंपलॉयर रेपुटेशन जैसे मापदंड पर सर्वश्रेष्ठ रहा। यही वजह रही कि दोनों टॉप 50 संस्थानों में जगह बनाने में कामयाब रहे।
छह संस्थानों ने बनाई अपनी जगह
एशिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटी की सूची में इन दोनों के अलावा आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान और आईआईटी कानपुर ने भी जगह बनाई है। आईआईटी मद्रास 56वें, आईआईटी खड़गपुर 60वें, भारतीय विज्ञान संस्थान 62वें और आईआईटी कानपुर 67वें पायदान पर रहा।
दक्षिण एशिया में IIT दिल्ली रहा सबसे अव्वल
भारत और पाकिस्तान को मिलाकर बनाए जाने वाले दक्षिण एशिया की श्रेणी में दोनों देशों के कुल 308 विश्वविद्यालय में आईआईटी दिल्ली ने शीर्ष पद पर अपनी जगह बनाई है।
Rankings इन मानदंडों पर होती है तैयार
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग कई मापदंडों पर प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार की जाती है। इसमें अंतरराष्ट्रीय संकाय, पीएचडी वाले कर्मचारी, संकाय छात्र अनुपात, इनबाउंड एक्सचेंज, अंतरराष्ट्रीय छात्र, आउटबाउंड एक्सचेंज, प्रति संकाय पेपर, अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, शैक्षणिक प्रतिष्ठा, प्रति पेपर उद्धरण और नियुक्ति प्रतिष्ठा जैसे मानदंड शामिल हैं।
वहीं जानकारी देते हुए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर और संसद सदस्य, राज्यसभा, सतनाम सिंह संधू ने कहा, "भारत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सबसे पसंदीदा शैक्षणिक स्थलों में से एक बन गया है और कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने यहां अध्ययन करने का विकल्प चुना है।"
बात करें तो कुल मिलाकर पिछले दशक में भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन, जिसका उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षण और नवाचार को बढ़ावा देना है, मुख्य कारक हैं जो भारत को एशिया में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाली उच्च शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।