भारत में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण क्यों है पीएम मोदी का बड़ा सपना? जानिए इसकी अहमियत और फायदे
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 07:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए गए अपने जोशीले भाषण में सेमीकंडक्टर चिप को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 2025 के अंत तक भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप बाजार में उपलब्ध होगी। यह घोषणा न सिर्फ भारत की तकनीकी दिशा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम को दर्शाती है, बल्कि इसे देश की आर्थिक और रणनीतिक मजबूती से भी जोड़ा जा रहा है।
क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप?
सेमीकंडक्टर चिप, जिसे माइक्रोचिप या इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) भी कहा जाता है, एक अत्यंत सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो सिलिकॉन से बनी होती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि छोटे से आकार में यह चिप लाखों-करोड़ों ट्रांजिस्टर समेटे होती है, जो किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के "ब्रेन" की तरह काम करती है। इनका उपयोग स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टेलीविजन, ऑटोमोबाइल, मेडिकल डिवाइसेज, सैटेलाइट और रक्षा उपकरणों में बड़े पैमाने पर होता है।
कहां होता है इसका उपयोग?
इन चिप्स का उपयोग डेटा प्रोसेसिंग, सिग्नल भेजने, गणना, और सिस्टम कंट्रोल के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, स्मार्टफोन में यह चिप कॉलिंग से लेकर कैमरा और इंटरनेट तक की हर गतिविधि को नियंत्रित करती है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन, स्मार्ट डिवाइसेस, घरेलू उपकरणों और इलेक्ट्रिक वाहनों में भी इन चिप्स का अहम योगदान होता है।
कौन-कौन से देश करते हैं उत्पादन?
आज की दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन पर कुछ ही देशों का दबदबा है:
ताइवान (TSMC - दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी)
दक्षिण कोरिया (Samsung)
अमेरिका (Intel, Nvidia, AMD)
इन देशों के पास सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए तकनीक, संसाधन और इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। भारत फिलहाल इन देशों से चिप्स का आयात करता है।
भारत सरकार का सेमीकंडक्टर मिशन
भारत ने 2021 में ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ की शुरुआत की थी। इसके तहत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ₹76,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया। इस योजना का उद्देश्य है देश में फैब्रिकेशन प्लांट (Fab units) और डिजाइन इकोसिस्टम तैयार करना।
हाल ही में गुजरात के धोलेरा में एक मेगा सेमीकंडक्टर फैब यूनिट की घोषणा की गई है। इस प्रोजेक्ट में टाटा ग्रुप और ताइवान की टेक कंपनियां साझेदार बन रही हैं।
भारत में निर्माण से क्या होंगे फायदे?
तकनीकी आत्मनिर्भरता: भारत अब सेमीकंडक्टर के लिए बाहरी देशों पर निर्भर नहीं रहेगा।
रोजगार के अवसर: इस सेक्टर में लाखों इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए नौकरियां पैदा होंगी।
रणनीतिक मजबूती: स्वदेशी चिप्स से रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
आर्थिक विकास: यह उद्योग भारत की GDP और निर्यात क्षमता को भी बढ़ाएगा।