चीन के खिलाफ भारत की तैयारियों को झटका, सामरिक रूप से अहम वैली ब्रिज टूटा
punjabkesari.in Monday, Jun 22, 2020 - 08:34 PM (IST)
नेशनल डेस्कः भारत और चीन के बीच उपजे तनाव के बीच भारत को सोमवार को जबरदस्त झटका लगा है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाला एकमात्र वैली ब्रिज ढह गया है। इस घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं। पुल के ढहने से सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है। चीन के लिपूलेख बॉर्डर की तरह ही भारत की ओर से मिलम घाटी में भी चीन सीमा तक सड़क का नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। मुनस्यारी से मिलम मल्ला जौहार तक 64 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है और इस सड़क को वर्ष 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मार्ग को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की निगरानी में तैयार किया जा रहा है। लगभग 42 किमी मार्ग का निर्माण किया जा चुका है जबकि 22 किमी सड़क के निर्माण कार्य को तेजी से किया जा रहा है।
बताया जाता है कि बीआरओ की ओर से इस मार्ग को तैयार करने के लिये एबीसी नामक कपंनी को भी जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी का एक वाहन आज पोकलैंड मशीन को लेकर वैली पुल को पार कर मिलम की ओर जा रहा था। मुनस्यारी के तहसीलदार डीएस जोशी ने बताया कि भारीभरकम मशीन के वजन से पुल धराशाही हो गया। पुल बीच से टूट गया और वाहन व पोकलैंड मशीन नदी में जा समा गए। इस घटना में वाहन चालक और परिचालक भी घायल हो गए। दोनों को मुनस्यारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।
#WATCH Uttarakhand: A vehicle fell off Bailey Bridge in Pithoragarh as the bridge collapsed while the vehicle was crossing it. Two people who were injured were taken to Munsyari for medical treatment. pic.twitter.com/kcWYwyi1Ds
— ANI (@ANI) June 22, 2020
जोशी ने बताया कि जांच करने के बाद रिपोटर् उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। साथ ही बीआरओ को भी मामले से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मिलम घाटी के लिए यह एकमात्र वैली पुल था। इसके धराशाही होने से घाटी व सीमा पर आवाजाही ठप हो गयी है। मिलम घाटी के 15 गांवों का संपर्क टूट गया है। चीन से उपजे विवाद को देखते हुए इस पुल का सामरिक महत्व भी था।
सूत्रों ने बताया कि मिलम बॉर्डर पर सैनिकों की आवाजाही व आवश्यक सामान की आपूर्ति इसी पुल से की जा रही थी। पुल के टूटने से दोहरा झटका लगा है। चीन सीमा को जोड़ने वाले पुल के धराशायी होने की इस साल यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले इसी साल 19 जनवरी 20 को पिथौरागढ़ के ही तवाघाट में इसी तरह से एक पुल धाराशाही हो गया था।
इस घटना में भी गर्ग एंड गर्ग कंपनी का एक वाहन पोकलैंड मशीन को लेकर चीन सीमा के व्यासघाटी की ओर जा रहा था और पुल वाहन व मशीन का वजन सह नहीं पाया और पुल बीच से धराशाही हो गया था। तब भी इस मामले में कुछ हद तक बीआरओ की लापरवाही सामने आयी थी। सवाल यह भी है कि इतने भारी वाहनों को ऐसे पुलों से गुजरने की अनुमति क्यों दी जाती है।