भारत के गैर-स्मार्टफोन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात ने पार किया 14 अरब डॉलर का आंकड़ा, FY 2024-25 में कुल निर्यात 38.57 अरब डॉलर

punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 04:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ESC) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के गैर-स्मार्टफोन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात $14 अरब डॉलर को पार कर गए हैं। कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात $38.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो साल-दर-साल 32.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि स्मार्टफोन निर्यात में अग्रणी रहे, लेकिन गैर-स्मार्टफोन क्षेत्रों ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है। सोलर पैनल, टेलीकॉम उपकरण, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरियां और डिजिटल प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे क्षेत्रों ने प्रमुख योगदान दिया है।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, फोटovoltaic सेल्स से $1.12 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। टेलीकॉम उपकरण और उनके पार्ट्स ने $1.4 अरब डॉलर का योगदान दिया। रेक्टिफायर्स, इन्वर्टर्स और चार्जर्स ने संयुक्त रूप से $2.5 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात दर्ज किया। मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स से $0.4 अरब डॉलर और PCs और डिजिटल प्रोसेसिंग यूनिट्स से $0.81 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। इलेक्ट्रॉनिक्स का भारत के कुल मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट में अब 9 प्रतिशत हिस्सा है, जो पिछले साल के 6.73 प्रतिशत से अधिक है। ESC ने इसे भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए एक "रणनीतिक मोड़" बताया है।

ESC के ग्लोबल आउटरीच चेयरमैन संदीप नरूला ने कहा, “यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि लचीलापन, नवाचार और वैश्विक महत्वाकांक्षा का प्रतीक है।” उन्होंने भारतीय निर्यातकों की "सजगता और दूरदृष्टि" की प्रशंसा की, जिन्होंने टैरिफ दबाव और वैश्विक व्यापार बदलावों के बीच बेहतर प्रदर्शन किया। राज्यवार प्रदर्शन में तमिलनाडु सबसे आगे रहा, जहां से $14.65 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। इसके बाद कर्नाटक ($7.8 अरब), उत्तर प्रदेश ($5.26 अरब), महाराष्ट्र ($3.5 अरब), और गुजरात ($1.85 अरब) रहे।

ESC के इलेक्ट्रॉनिक्स चेयरमैन विनोद शर्मा ने कहा, “भारत का उभरता सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम इस रफ्तार को और गति देगा।” उन्होंने ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में सरकार द्वारा स्वीकृत 4 नए चिप-मेकिंग यूनिट्स का ज़िक्र किया, जिनका कुल मूल्य ₹4,600 करोड़ है। साथ ही गुजरात के ढोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की ₹91,000 करोड़ की फैब परियोजना और मिकरॉन की ₹22,516 करोड़ की ATMP इकाई का उल्लेख किया। परिषद ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) की शुरुआत को सराहा, जिसका उद्देश्य देश में घटक निर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता घटाना है।

ESC के कार्यकारी निदेशक गुरमीत सिंह ने कहा, “यह एक अस्थायी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक संरचनात्मक बदलाव है।”उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 2030 तक 200 अरब डॉलर इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का लक्ष्य हासिल कर सकता है। परिषद ने इस सफलता का श्रेय PLI स्कीम, ड्यूटी रेशनलाइजेशन, स्किलिंग प्रोग्राम्स और SMEs के लिए लक्षित सहायता को दिया है।


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Content Editor

Harman Kaur

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