भारत में AI का बूम! मार्केट में ज़बरदस्त उछाल, तीन साल में होगा तीन गुना, इंडिया बनेगा टेक हब
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 10:24 AM (IST)

नेशनल डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ एक तकनीक नहीं बल्कि हमारे रोज़मर्रा के जीवन और कामकाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी है. अब यह सिर्फ रिसर्च लैब्स या कुछ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है बल्कि हर छोटे-बड़े कारोबार का अहम हिस्सा बनती जा रही है. इसी बीच Boston Consulting Group (BCG) और NASSCOM की एक ताज़ा रिपोर्ट ने भारत में AI के भविष्य को लेकर बड़ा दावा किया है.
AI मार्केट में ज़बरदस्त उछाल: तीन साल में होगा तीन गुना
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में AI सेक्टर ज़बरदस्त रफ़्तार पकड़ चुका है. जहाँ 2023 में इसका मार्केट लगभग 6 अरब डॉलर के आसपास था वहीं 2027 तक इसके 17 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है. इसका मतलब है कि आने वाले सिर्फ़ तीन सालों में भारतीय AI मार्केट का आकार करीब-करीब तीन गुना हो सकता है जो इसकी तेज़ी से बढ़ती स्वीकार्यता और क्षमता को दर्शाता है.
कंपनियाँ अब AI को सीधे इस्तेमाल कर रही हैं, सिर्फ़ टेस्टिंग नहीं
पहले कंपनियाँ AI को केवल ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करती थीं लेकिन अब वे इसे अपने बिजनेस मॉडल में पूरी तरह शामिल कर रही हैं. AI की मदद से ग्राहक सेवा, डेटा एनालिसिस, ऑटोमेशन और कई दूसरे काम अब ज़्यादा आसान और तेज़ हो गए हैं.
- बैंक अब ग्राहक सेवा में AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
- अस्पतालों में बीमारी की पहचान और इलाज के लिए AI का सहारा लिया जा रहा है.
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ग्राहकों को खरीदारी के सुझाव देने में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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AI टैलेंट का ग्लोबल हब बना भारत, अमेरिका के बाद दूसरा नंबर
AI फील्ड में काम करने वाले लोगों की संख्या भी भारत में तेज़ी से बढ़ रही है. अभी जहाँ देश में 6 लाख से ज़्यादा AI प्रोफेशनल्स हैं वहीं 2027 तक ये संख्या 12.5 लाख तक पहुँच सकती है. AI टैलेंट के मामले में भारत अब अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है जो इसकी बढ़ती क्षमता का प्रमाण है.
डिजिटल इंडिया से AI को मिल रही रफ़्तार
भारत का मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी AI के विकास में बड़ी भूमिका निभा रहा है. 70 करोड़ से ज़्यादा इंटरनेट यूज़र्स, UPI जैसी पेमेंट सर्विसेज़, CoWIN जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म और डिजिलॉकर जैसी सरकारी सुविधाएँ एक ठोस डिजिटल बेस तैयार कर चुकी हैं जिससे AI को भारत में पनपने और तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद मिल रही है.
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AI कैसे बदल रही है कंपनियों की तस्वीर?
AI की वजह से कंपनियों के काम करने का तरीका पूरी तरह बदल गया है जिससे उनकी दक्षता बढ़ी है:
- Razorpay में अब 80% कस्टमर सपोर्ट का काम AI से हो रहा है.
- Pocket FM ने कंटेंट बनाने की लागत में 80% तक की कटौती की है.
- NoBroker जैसे प्लेटफॉर्म्स में प्रॉपर्टी से जुड़ा बहुत सारा काम अब ऑटोमेटेड हो गया है.
सरकार और कंपनियों की बड़ी तैयारी
भारत सरकार भी AI की ताक़त को पहचान चुकी है और उसने AI मिशन के तहत 10,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का ऐलान किया है. इसके साथ ही निजी कंपनियाँ भी अपने कर्मचारियों को AI में ट्रेनिंग देने के लिए 1 अरब डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) खर्च करने की योजना बना रही हैं.
भविष्य में क्या होगा?
आने वाले समय में AI का इस्तेमाल शिक्षा, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और फाइनेंस जैसे और भी ज़्यादा सेक्टर्स में देखने को मिलेगा. AI की वजह से नई नौकरियाँ भी पैदा होंगी हालांकि कुछ परंपरागत नौकरियाँ प्रभावित भी हो सकती हैं. इसके साथ ही डेटा सुरक्षा, जॉब सिक्योरिटी और एथिकल मुद्दे भी चर्चा में बने रहेंगे.
AI सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि एक क्रांति है जो भारत के कारोबार, नौकरियों और डिजिटल जीवन को पूरी तरह बदल रही है. आने वाले सालों में AI भारत के लिए सिर्फ़ ग्रोथ का ज़रिया नहीं बल्कि एक बड़ी ताक़त बनकर उभरेगा.