India population growth: भारत की जनसंख्या 2060 में कितनी होगी, चीन से आगे निकल जाएंगे हम!
punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2025 - 12:17 PM (IST)
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इंटरनेशनल डेस्क: भारत और चीन की जनसंख्या को लेकर हमेशा से ही वैश्विक स्तर पर दिलचस्प चर्चा होती रही है। दोनों देश आज भी दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों के रूप में उभरकर सामने आते हैं। लेकिन अब समय बदलने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, भारत जल्द ही चीन को पीछे छोड़ देगा और आने वाले दशकों में भारत की जनसंख्या चीन से कहीं अधिक होगी। वहीं, चीन की जनसंख्या में गिरावट शुरू हो जाएगी, जो कि एक बड़ी वैश्विक बदलाव का संकेत है।
भारत की जनसंख्या में किस प्रकार की वृद्धि होगी?
संयुक्त राष्ट्र के "विश्व जनसंख्या संभावना 2024" रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या जल्द ही 1.5 बिलियन (डेढ़ अरब) तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, चीन की जनसंख्या स्थिर हो कर लगभग 1.4 बिलियन (1.4 अरब) पर सीमित हो सकती है। अगले कुछ दशकों में यह अंतर और बढ़ेगा, और 2060 तक भारत की जनसंख्या 1.7 बिलियन (1.7 अरब) तक पहुंच सकती है। इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण दोनों देशों की जनसंख्या वृद्धि दर और घटती जन्म दर है।
China and India population projections.@AFP Infographic chart showing historic and projected population of India and China, according to the UN World Population Prospects 2024 pic.twitter.com/4raRfatQRN
— AFP News Agency (@AFP) February 17, 2025
भारत और चीन की ऐतिहासिक जनसंख्या वृद्धि
भारत और चीन दोनों देशों की जनसंख्या में पिछले सौ वर्षों में अत्यधिक वृद्धि देखी गई है। 1950 में, जब संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार विश्व जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे, तब चीन की जनसंख्या 0.5 बिलियन (50 करोड़) थी, जबकि भारत की जनसंख्या 0.4 बिलियन (40 करोड़) थी। इसके बाद दोनों देशों में तीव्र जनसंख्या वृद्धि हुई, और खासकर चीन ने 1979 में एक- बच्चे की नीति लागू की थी, जिससे उसकी जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित किया गया। जबकि भारत ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कई योजनाओं को अपनाया, लेकिन इन योजनाओं का प्रभाव उतना ज्यादा नहीं हुआ।
क्या कारण हैं इस परिवर्तन के?
भारत और चीन दोनों देशों में जनसंख्या वृद्धि के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं। चीन ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए कई कठोर कदम उठाए थे, जैसे कि एक- बच्चा नीति, जिसके कारण चीन की जनसंख्या अब स्थिर हो रही है। वहीं भारत में उच्च जन्म दर और युवा आबादी का अनुपात अधिक है, जिससे जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। साथ ही, भारतीय समाज में भी विवाह की उम्र कम है और महिलाएं ज्यादा बच्चों को जन्म देती हैं, जो जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देता है।
2060 के बाद क्या बदलाव होंगे?
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2060 के बाद चीन की जनसंख्या में गिरावट शुरू हो जाएगी। चीन में वृद्धावस्था की समस्या बढ़ रही है क्योंकि वहां युवाओं की संख्या कम हो रही है, और जनसंख्या में वृद्धि की दर घट रही है। वहीं, भारत में युवा आबादी का अनुपात अधिक है, जो भविष्य में रोजगार के अवसरों और आर्थिक विकास में सहायक हो सकता है, हालांकि यह भी एक चुनौती बनेगा कि इस बड़े युवा वर्ग को रोजगार कैसे प्रदान किया जाए।
क्या भारत की जनसंख्या वृद्धि दर कम होगी?
भारत में जनसंख्या वृद्धि दर की गति बहुत तेज़ रही है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह दर धीमी होने की संभावना है। पिछले दशकों में भारत की जनसंख्या वृद्धि दर में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखी गई है, लेकिन आने वाले दशकों में जन्म दर में कमी आ सकती है, क्योंकि महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
जनसंख्या वृद्धि और उसकी चुनौतियां
भारत और चीन दोनों देशों की बढ़ती जनसंख्या से कई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अधिक जनसंख्या का दबाव स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, रोजगार और संसाधनों पर पड़ेगा। खासकर भारत के लिए यह चुनौती और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि भारत में युवाओं की संख्या ज्यादा है और रोजगार के अवसर उतने नहीं हैं।