कश्मीर का मुद्दा उठाने पर तुर्की को भारत की दो टूक, ''हमारे आंतरिक मामलों से दूर रहे तो अच्छा है''
punjabkesari.in Friday, Sep 23, 2022 - 10:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू कश्मीर का किसी भी तरह से हवाला देना उपयोगी या मददगार नहीं है क्योंकि इस मुद्दे को शिमला समझौते के तहत द्विपक्षीय तरीके से हल किये जाने की जरूरत है। न्यूयार्क में जारी संरा महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए बुधवार को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा था, “भारत और पाकिस्तान 75 साल पहले आजाद हुए और संप्रभु बने, इसके बावजूद अभी तक (दोनों देश) एक दूसरे के बीच शांति और एकजुटता स्थापित नहीं कर पाए हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें उम्मीद है और हम प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में स्थायी तौर पर शांति और समृद्धि स्थापित होगी।” एर्दोआन की टिप्पणी के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि संरा महासभा में जम्मू कश्मीर का हवाला देना उपयोगी या मददगार सिद्ध होगा।” भारतीय विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन अरिंदम बागची ने कहा, "हम पहले भी दोहरा चुके हैं कि ये हमारा आंतरिक मुद्दा है और द्विपक्षीय बातचीत के जरिए हल करेंगे।
उन्होंने कहा, “जहां तक जम्मू कश्मीर का विषय है, हमारी स्थिति एकदम स्पष्ट है। इस मुद्दे को शिमला समझौते के तहत द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने की जरूरत है। इसके लिए अनुकूल और आतंकवाद से मुक्त वातावरण की आवश्यकता है। मुझे नहीं लगता कि संरा महासभा में कश्मीर का उल्लेख करना उपयोगी या मददगार है।” बागची ने ध्यान दिलाया कि पिछले सप्ताह समकरकंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई थी।