भारत के सामने बड़ा फैसला: रूस का Su-57E या फ्रांस का Rafale F4 – कौन-सा फाइटर जेट डील बेहतर?

punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 06:21 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लंबित है – क्या भारतीय वायुसेना (IAF) रूस के Su-57E स्टील्थ फाइटर को चुनेगी या फिर फ्रांस के अत्याधुनिक Rafale F4 विमान और Safran के M88-4 इंजन प्रस्ताव को स्वीकार करेगी? यह फैसला न केवल वायुसेना की अगली पीढ़ी की ताकत तय करेगा, बल्कि भारत की रणनीतिक विदेश नीति, आत्मनिर्भरता और रक्षा निर्यात को भी दिशा देगा।

 रूस का प्रस्ताव: Su-57E फाइटर जेट (फिफ्थ जेनरेशन का दावा)

रूस ने भारत को 126 Su-57E स्टील्थ फाइटर जेट्स का बड़ा ऑफर दिया है। रूस का दावा है कि ये फाइटर जेट्स तकनीकी रूप से Rafale से अधिक उन्नत हैं और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप हैं। इस ऑफर में स्रोत कोड (source code) की एक्सेस, HAL नासिक में उत्पादन और स्थानीय हथियारों का इंटीग्रेशन शामिल है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • क्लास: 5वीं पीढ़ी (वास्तव में 4++ Gen मानी जाती है)

  • स्टील्थ क्षमता: इंटरनल वेपन बे, कम रडार सिग्नेचर (RCS: 0.1–1 m²)

  • रेंज: 3,500 किमी

  • स्पीड: मैक 2 (2,450 किमी/घंटा)

  • पेलोड: 10 टन

  • इंजन: AL-41F1S – थ्रस्ट 147 kN

  • इंटीग्रेशन: Astra, Rudram जैसे भारतीय हथियारों के साथ संगत

  • अनुमानित कीमत: ₹670 करोड़/विमान (लगभग $80 मिलियन)

  • स्थानीय निर्माण: 70–80% कलपुर्जे HAL नासिक में बनाए जा सकते हैं (प्रस्ताव अनुसार)

 कमियां:

  • पूरी तरह से प्रमाणित 5वीं पीढ़ी का फाइटर नहीं माना जाता

  • इंजन और एविओनिक्स में विश्वसनीयता को लेकर प्रश्नचिह्न

  • रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक में अनिश्चितता

 फ्रांस का प्रस्ताव: Rafale F4 + Safran का इंजन ऑफर

फ्रांस ने भारत को 114 Rafale F4 फाइटर जेट्स का ऑफर दिया है, जो कि IAF में पहले से उपलब्ध Rafale F3-R का अपग्रेडेड वर्जन है। इसके साथ ही, तेजस Mk-2 के लिए Safran का M88-4 इंज भी प्रस्तावित है, जो अमेरिका के GE-F414 का विकल्प बन सकता है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • क्लास: 4.5 पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान

  • अपग्रेडेड सिस्टम: AESA रडार, Talios पॉड, Helmet-mounted display, नेटवर्क-इनेबल्ड ऑपरेशंस

  • रेंज: 3,700 किमी

  • स्पीड: मैक 1.8 (2,222 किमी/घंटा)

  • पेलोड: 9.5 टन

  • मिसाइल: Meteor BVR (Beyond Visual Range) मिसाइल से लैस

  • इंजन: M88-4 (थ्रस्ट: 95–105 kN) – अपग्रेडेड वर्जन

  • स्थानीय निर्माण: 60% से अधिक लोकल कंटेंट संभव

  • अनुमानित कीमत: ₹1000 करोड़/विमान (लगभग $120 मिलियन)

कमियां:

  • कीमत ज्यादा, अपग्रेड और इंजन सपोर्ट सिस्टम महंगे

  • “Make in India” के मानकों के अनुरूप पूर्ण तकनीक हस्तांतरण नहीं

  • इंजन डिज़ाइन ‘Plug and Play’ है, इसलिए कस्टमाइजेशन सीमित

स्ट्रेटेजिक तुलना: कौन सा प्रस्ताव बेहतर है?

मापदंड

Su-57E (रूस)

Rafale F4 + M88-4 (फ्रांस)

टेक्नोलॉजी

अर्ध-5वीं पीढ़ी, स्टील्थ, कस्टमाइज़ेशन संभव

4.5 पीढ़ी, अत्याधुनिक सेंसर व रडार

विश्वसनीयता

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जोखिमपूर्ण

NATO मानकों पर आधारित, पहले से IAF में कार्यरत

स्थानीयकरण

स्रोत कोड एक्सेस, HAL में निर्माण

60% लोकल पार्ट्स, इंजन निर्माण में सहभागिता

इंजन थ्रस्ट

147 kN (AL-41F1S)

95–105 kN (M88-4)

लागत प्रति विमान

₹670 करोड़ (कम लागत)

₹1000 करोड़ (उच्च लागत)

रणनीतिक लाभ

भारत-रूस रक्षा साझेदारी को मजबूती

भारत-फ्रांस संबंध और NATO पार्टनरशिप को समर्थन

निर्यात सहयोग

IAF-प्रदत्त प्लेटफॉर्म से तीसरे देशों को एक्सपोर्ट संभव

Safran इंजन और Dassault तकनीक से विश्वसनीय ब्रांड वैल्यू

क्या निर्णय लिया जाना चाहिए?

भारत को एक ऐसा विकल्प चाहिए जो: निकट भविष्य की ऑपरेशनल ज़रूरतें पूरी करे। दीर्घकालिक रणनीतिक स्वायत्तता और स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे।टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए भारतीय इंडस्ट्री को मज़बूत करे। Rafale F4 एक परखा हुआ और विश्वसनीय विकल्प है, जो तुरंत IAF में शामिल हो सकता है, लेकिन इसकी कीमत और अपग्रेड महंगे हैं। Su-57E एक भविष्य-केंद्रित विकल्प है जिसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, कस्टमाइज़ेशन और स्टील्थ क्षमताएं हैं, लेकिन इसकी विश्वसनीयता और लॉजिस्टिक्स सिस्टम पर अब भी सवाल हैं।


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Content Writer

Pardeep

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