आतंकवाद पर सुषमा स्वराज की दो टूक

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2017 - 04:39 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार के 3 साल पूरा होने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने मंत्रालय के कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने यूपीए और मोदी सरकार की तुलना करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार ने विदेशी फ्रंट से लेकर घरेलू मोर्चे तक शानदार काम किया। इस दौरान उन्होंने विदेशी मोर्चे से लेकर घरेलू विकास तक सफलता के किस्से बताए और साथ ही पड़ोसी देश पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद के साथ पाकिस्तान से बातचीत मुमकिन नहीं है। सुषमा ने कहा कि घरेलू विकास के कार्यक्रमों में पहली बार विदेश मंत्रालय सक्रिय भूमिका निभा रहा है। विदेशों में बसे भारतीयों की सुरक्षा हमारे दूतावासों की प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने यूपीए के अंतिम 3 साल और मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान एफडीआई का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें रिकॉर्ड (35 फीसदी से अधिक) वृद्धि हुई है।

प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा
सुषमा स्वराज ने कहा कि 3 साल के भीतर विदेश में फंसे 80 हजार लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया। उन्होंने कहा कि अभी इसमें ऑपरेशन मैत्री (1 लाख 5 हजार लोग) और सऊदी से बचाए गए (करीब 80 हजार लोग) लोगों का आंकड़ा शामिल नहीं है। 

पासपोर्ट सेवा में सुधार 
सुषमा ने कहा कि पासपोर्ट सेवा में काफी सुधार हुआ। इसके नियम सरल किए गए। इसकी वजह से पिछले क्वॉर्टर की तुलना में केवल इस क्वॉर्टर में ही पासपोर्ट के आवेदनों में 50 फीसदी का इजाफा हुआ। सुषमा ने कहा कि जब सरकार आई थी तो केवल 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र देश में थे। फिर हमने 16 बढ़ाए। 

मुस्लिम बहुल देशों से भारत के अच्छे संबंध
सुषमा स्वराज ने कहा, जिस समय हमारी सरकार आई तो विदेश नीति के आलोचकों ने एक बात एक स्वर से कही थी कि अब पश्चिम एशिया विदेश नीति के फोकस से बाहर हो जाएगा, क्योंकि उन्हें लगता था कि ज्यादातर मुस्लिम बहुल देश हैं जो मोदी की प्राथमिकता में नहीं रहेंगे। आज तुलना करें तो पाएंगे कि सबसे ज्यादा अच्छे रिश्ते पश्चिम एशिया के साथ हैं। सऊदी अरब ने पीएम को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। आबू धाबी के प्रिंस हमारे 26 जनवरी के समारोह के मुख्य अतिथि बनकर आए। ये दोनों देश पाकिस्तान के मित्र देश माने जाते हैं फिर हमारे संबंधी बने। उन्होंने कहा कि दुनिया में परस्पर विरोधी देशों से भी भारत के रिश्ते अच्छे हैं, चाहे फिर वह सऊदी अरब और ईरान हो या इस्राइल और फिलस्तीन। 

ट्रंप की टिप्पणी का जवाब
उन्होंने कहा, ओबामा के कार्यकाल के दौरान जिस तेजी से संबंध बढ़ रहे थे उसी तेजी से ट्रंप के कार्यकाल में भी बढ़ रहे हैं। लगातार हमारे और उनके नेता संपर्क में हैं। एच-1बी वीजा के बारे में एक बात साफ कर दूं कि अभी तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। ट्रंप के बयान पर सुषमा ने कहा, भारत ने पैरिस समझौते पर किसी के दबाव में नहीं बल्कि हमारी पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के चलतेे हस्ताक्षर किया और प्रतिबदद्धता 5000 साल की है। इसलिए कोई कहे कि दबाव या पैसे के लिए हस्ताक्षर किए तो मैं ये आरोप खारिज करती हूं। भारत पैरिस समझौते का हिस्सा बना रहेगा।


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