भारत ने मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025 को मंजूरी दी, समुद्री सुरक्षा और स्वामित्व के नियमों में बड़ा बदलाव
punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 02:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की संसद ने हाल ही में मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। यह नया विधेयक पुराने मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 को बदलने वाला है। इसका उद्देश्य भारत के समुद्री कानून को आधुनिक बनाना और देश को एक मजबूत, सुरक्षित तथा विश्वसनीय समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2025 के मुख्य उद्देश्य
यह विधेयक मर्चेंट शिपिंग जहाजों के स्वामित्व के मानदंडों को व्यापक बनाता है। अब केंद्र सरकार को अधिकार मिलेगा कि वह बिना राष्ट्रीयता वाले जहाजों को भारत के अंदर या तटीय जलक्षेत्र में रोक सके। अगर कोई जहाज किसी देश का कानूनी रूप से झंडा नहीं फहराता या उसका अधिकार खो चुका है तो उसे भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
इस विधेयक में समुद्री दुर्घटनाओं की जाँच और पूछताछ के लिए भी नियम बनाए गए हैं। साथ ही यह समुद्र में सुरक्षा बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए भी प्रावधान करता है। इससे भारत की समुद्री नीति वैश्विक स्तर के अनुरूप मजबूत होगी।
भारतीय समुद्री कानून का आधुनिकीकरण
मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 में 561 धाराएँ थीं, जो अब पुराने और जटिल हो चुके थे। नया विधेयक 16 भागों और 325 धाराओं वाला है, जो अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलनों के अनुरूप है। यह विधेयक अनुपालन बोझ को कम करता है, जिससे व्यापार आसान होगा।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के विचार
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक भारत को समुद्री व्यापार और प्रशासन में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विधेयक भारतीय टन भार को बढ़ावा देगा और नाविकों के कल्याण को प्राथमिकता देगा। साथ ही यह भारत को विश्व स्तर पर सम्मानित समुद्री क्षेत्राधिकार बनाएगा।
विधेयक के महत्व और देश की समुद्री क्षमता
व्यापारी नौवहन विधेयक, 2025 एक भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार कानून है, जो भारत की उभरती अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। यह भारत की समुद्री क्षमता और निवेश को बढ़ावा देगा। इससे समुद्री क्षेत्र में सतत विकास और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।