खाद्यान्न उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता में इफको की भूमिका महत्वपूर्ण: अमित शाह
punjabkesari.in Sunday, Apr 06, 2025 - 06:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शाह ने इफको की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था ने न केवल किसानों की मदद की है, बल्कि उसने उर्वरकों के क्षेत्र में नवाचार भी किया है। इफको ने रासायनिक उर्वरकों के बजाय नैनो और जैव उर्वरकों का रुख किया है, जो कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इफको की भूमिका को प्रमुख बताते हुए कहा कि संस्था ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। इफको के नवाचार और कृषि क्षेत्र में किए गए योगदानों की सराहना करते हुए शाह ने भविष्य में इसके और प्रभावी कार्यों की उम्मीद जताई। साथ ही, मोदी सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किए गए कदमों की भी तारीफ की।
इफको की 50 साल की यात्रा
अमित शाह इफको की कलोल इकाई के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने इफको के योगदान और उसकी सफलता के बारे में बात की। शाह ने कहा कि इफको ने पिछले 50 वर्षों में किसानों की मदद, शोध एवं विकास, विपणन, और हर घर तक उर्वरक की पहुंच सुनिश्चित करने में जबरदस्त दक्षता दिखायी है। उनके मुताबिक, इसने अपने उत्कृष्ट कार्यकुशलता से सभी कॉरपोरेट कंपनियों को सीखने के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है। शाह ने यह भी कहा कि इफको का भविष्य कृषि, अनाज उत्पादन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि अगले 50 वर्षों में इफको कृषि को और अधिक आधुनिक और उत्पादक बनाने, कृषि भूमि को संरक्षित करने और पर्यावरण को बचाने के लिए काम करेगा।
इफको का योगदान और सफलता
इफको ने अपनी 90 लाख टन उत्पादन क्षमता, 40,000 करोड़ रुपये के कारोबार और 3,200 करोड़ रुपये के लाभ के साथ सफलता की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं। अमित शाह ने कहा कि 50 साल पहले इफको उच्च लागत और कम दक्षता पर काम करती थी, जबकि अब यह कम लागत और उच्च दक्षता से काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इफको एक कॉरपोरेट इकाई की तरह काम करती है, हालांकि इसका स्वामित्व देश भर के हजारों किसान समूहों के पास है।
नैनो उर्वरक में अग्रणी इफको
शाह ने इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि इफको ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाई है। इसके परिणामस्वरूप, इफको ने भारतीय सहकारी क्षेत्र की ख्याति विश्व स्तर पर फैलाई है। उन्होंने कहा कि यह इफको की पहल थी जिसने भारत को उर्वरक के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि भारतीय किसानों के लिए एक नया रास्ता खोला।
बीज अनुसंधान केंद्र और जमीनी स्तर पर सहकारिता को मजबूत करना
अमित शाह ने इस मौके पर इफको के बीज अनुसंधान केंद्र की आधारशिला भी रखी। शाह के मुताबिक, इस बीज अनुसंधान केंद्र से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, भूमि की उत्पादकता में सुधार होगा और कम पानी और कम यूरिया के उपयोग से अधिक पौष्टिक बीज विकसित होंगे। इसके अलावा, शाह ने जमीनी स्तर पर सहकारी समितियों को मजबूत करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को कंप्यूटरीकृत करने और उन्हें डेयरी जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।
सहकारिता क्षेत्र में मोदी सरकार के कदम
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में उठाए गए अभूतपूर्व कदमों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद इस क्षेत्र में 62 महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने गुजरात में स्थापित त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का भी उल्लेख किया, जो भारत का पहला राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय है।