Bitcoin या Crypto में कहीं भी करेंगे invest, सरकार को चल जाएगा पता
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 04:35 AM (IST)
नई दिल्लीः भारत सरकार ने बजट 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिनका असर न केवल सामान्य करदाताओं पर पड़ेगा, बल्कि क्रिप्टो एसेट्स और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) में निवेश करने वालों पर भी होगा। जहां एक ओर सरकार ने देश के मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री कर दिया है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो एसेट्स के क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए नई व्यवस्था भी लागू की है।
नई व्यवस्था के तहत क्या होगा?
बजट 2025 के तहत, सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, जिसके तहत बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस की पूरी जानकारी नियमित रूप से सरकार को देने का आदेश दिया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश पर सरकार की पैनी नजर बनी रहे। अब, क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े हर ट्रांजेक्शन की डिटेल्स, चाहे वह अतीत में हुआ हो या भविष्य में होने वाला हो, सरकार को रिपोर्ट करनी होगी। इसका उद्देश्य क्रिप्टो निवेशकों और व्यापारियों पर अधिक निगरानी रखना और उन्हें बेहतर तरीके से नियंत्रित करना है।
वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) की नई परिभाषा
बजट 2025 में एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) की परिभाषा को अपडेट किया गया है। अब केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं, बल्कि उन सभी डिजिटल एसेट्स को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा, जो क्रिप्टो जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे नई डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकें उभरेंगी, उन सभी को सरकार की निगरानी के दायरे में लाया जाएगा।
ट्रांजेक्शंस की रिपोर्टिंग अनिवार्य
इस नए बदलाव के अनुसार, बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंजों को अपनी सभी क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस की पूरी जानकारी सरकार के पास जमा करनी होगी। इसमें वह ट्रांजेक्शंस भी शामिल हैं, जो पहले हो चुकी हैं और भविष्य में होने वाली हैं। इससे सरकार को क्रिप्टो मार्केट की ट्रैकिंग और निगरानी में मदद मिलेगी और इसका उद्देश्य है कि क्रिप्टो एसेट्स के प्रयोग को अधिक पारदर्शी और नियंत्रित किया जा सके।
प्रावधानों की तारीख और कार्यान्वयन
इन नए प्रावधानों का क्रियान्वयन 1 अप्रैल 2026 से होगा। यानी कि फिलहाल क्रिप्टो निवेशकों को कुछ और समय मिल जाएगा लेकिन 2026 के बाद इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस समय सीमा का उद्देश्य संबंधित संस्थाओं और निवेशकों को नए नियमों के तहत ढालने और उन्हें तैयार करने के लिए पर्याप्त समय देना है।
क्रिप्टो निवेशकों के लिए क्या बदलाव?
बजट 2025 के बदलाव से यह साफ है कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल एसेट्स के क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण लाने का इरादा किया है। हालांकि सरकार ने क्रिप्टो एसेट्स के उपयोग और ट्रेडिंग पर कड़ी निगरानी बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन निवेशकों को यह भी ध्यान में रखना होगा कि इन्हें सही दिशा में चलाने और नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की है।