FASTag: 3000 रुपए का एनुअल पास कर लिया एक्टिवेट, तो पहले से बचे बैलेंस का क्या होगा?
punjabkesari.in Friday, Aug 15, 2025 - 11:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देशभर में हाईवे पर सफर करने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। 15 अगस्त 2025 से NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने एक नया FASTag एनुअल पास लॉन्च किया है। अब सिर्फ ₹3,000 में एक साल के लिए 200 ट्रिप्स की सुविधा मिलेगी। यानी औसतन एक ट्रिप की लागत सिर्फ ₹15 पड़ेगी, जो पहले कई टोल पर ₹50 से ₹100 तक होती थी।
क्या है FASTag एनुअल पास?
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इस पास को लेने पर आप राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) और नेशनल एक्सप्रेसवे (NE) पर 200 बार सफर कर सकते हैं।
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यह पास एक साल के लिए वैध रहेगा — यानी 365 दिनों में 200 ट्रिप्स।
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इसका कुल शुल्क ₹3,000 फिक्स्ड होगा, जिसमें कोई अतिरिक्त चार्ज या छिपा शुल्क नहीं है।
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यह पास सिर्फ एक वाहन और एक FASTag नंबर के साथ लिंक होगा।
पुराना बैलेंस खत्म होगा क्या? जानिए सच्चाई
सबसे आम सवाल यही है कि अगर FASTag में पहले से बैलेंस पड़ा है, तो एनुअल पास लेने के बाद उसका क्या होगा?
साफ जवाब:
आपका वॉलेट बैलेंस जस का तस बना रहेगा।
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एनुअल पास लेने से FASTag वॉलेट में पहले से मौजूद बैलेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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यह बैलेंस आप अन्य उपयोगों जैसे राज्य सरकार के टोल प्लाजा, स्टेट हाईवे, पार्किंग, या निगम द्वारा संचालित टोल पर उपयोग कर सकते हैं।
ध्यान दें:
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FASTag वॉलेट का पैसा एनुअल पास खरीदने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
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पास खरीदते समय आपको "राजमार्गयात्रा" मोबाइल एप या NHAI वेबसाइट पर ऑनलाइन पेमेंट करना होगा।
कहां-कहां मान्य होगा एनुअल पास?
यह पास केवल चुनिंदा स्थानों पर मान्य रहेगा:
✔️ जहां चलेगा पास | ❌ जहां नहीं चलेगा पास |
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नेशनल हाइवे (NH) | स्टेट हाइवे (SH) |
नेशनल एक्सप्रेसवे (NE) | राज्य सरकार के टोल |
म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन टोल | |
निजी टोल या पार्किंग |
इन बाकी जगहों पर आपको FASTag वॉलेट से ही भुगतान करना होगा।
एनुअल पास कैसे लें?
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:
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"राजमार्गयात्रा" ऐप डाउनलोड करें या NHAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
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अपना FASTag लिंक्ड व्हीकल नंबर दर्ज करें।
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“Annual Pass” विकल्प चुनें।
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₹3,000 का ऑनलाइन पेमेंट करें (डेबिट कार्ड, UPI, नेटबैंकिंग आदि से)।
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पेमेंट कन्फर्म होते ही आपका पास उसी FASTag से लिंक और एक्टिवेट हो जाएगा।
इस योजना से किसे सबसे ज़्यादा फायदा होगा?
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डेली या फ्रीक्वेंट ट्रैवलर्स जो एक ही रूट पर बार-बार सफर करते हैं।
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कमर्शियल व्हीकल मालिक, जैसे ट्रक या कैब ऑपरेटर।
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छोटे कारोबार, जिनका संचालन हाईवे से जुड़ा है।
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लंबी दूरी के ऑफिस कम्यूटर, जिन्हें रोज़ टोल देना पड़ता है।