सावधान! अगर आपको है गेहूं से एलर्जी, तो पूरे परिवार की करवा लें जांच

punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 09:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर परिवार में किसी व्यक्ति को ग्लूटनयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे गेहूं, राई आदि खाने से पेट की समस्या होती है तो परिवार के सभी सदस्यों को सीलिएक बीमारी का पता लगाने के लिए टी.जी.ए.-आई.जी.ए. टैस्ट करवाने चाहिएं। कार्यक्रम दौरान डा. गोविंद मखारिया ने बताया कि सीलिएक के देश में 80 लाख मरीज हैं। एम्स में ही लगभग 1300 ऐसे मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

 

यह होती है दिक्कत: सीलिएक एक ऐसी बीमारी है जो पीड़ित को हमेशा पेट की समस्या से परेशान रखती है। इसके लिए गेहूं, राई और अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला ग्लूटन प्रोटीन जिम्मेदार होता है। सीलिएक में ग्लूटन खाने से छोटी आंतों को नुक्सान होता है। शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इससे परेशानी बढ़ जाती है।

 

बीमारी के लक्षण
इस बीमारी के लक्षणों में दस्त, पेट दर्द, पेट फूलना, उल्टी, शरीर का विकास न होना, वजन कम होना, लिवर व हड्डियों की बीमारी के अलावा दांत में एनेमल की दिक्कत, खून की कमी, बार-बार गर्भपात, शरीर में दाने होना, कमजोरी आदि हैं।


आनुवांशिक रोग
परिवार में एक सदस्य को बीमारी होने पर अन्य सदस्यों को भी यह रोग होने का खतरा हो सकता है। यह एक आनुवांशिक रोग है और करीब एक-तिहाई जनसंख्या में इसका कारक जीन पाया जाता है। यदि परिवार के किसी एक सदस्य को यह रोग है तो अन्य सदस्यों में इसके पाए जाने का खतरा 10 फीसदी तक होता है।

ग्लूटन मुक्त भोजन लें
सीलिएक से पीड़ित मरीज गेहूं, राई नहीं खा सकते। वे ग्लूटन मुक्त दाल, मक्की, चावल, डेयरी प्रोडक्ट, नॉन-वैज, फल आदि खा सकते हैं। इससे लोग सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। मरीजों को सलाह दी जाती है कि ग्लूटन फ्री अनाज में मिलावट न हो इसलिए वे अपने घर में चक्की रख लें ताकि किसी भी तरह के संदेह से बचा जा सके।

यहां मुफ्त इलाज की सुविधा
दिल्ली में एम्स, राम मनोहर लोहिया, चाचा नेहरू अस्पताल और कलावती सरण अस्पताल में सीलिएक का मुफ्त इलाज होता है।


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vasudha

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