''लेटर पर सबसे पहले मैंने किए साइन, एजेंसियों का हो रहा खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग''- बोले पवार

punjabkesari.in Monday, Mar 06, 2023 - 05:57 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का ‘खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग' किये जाने का आरोप लगाते हुए कुछ विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गये पत्र पर कांग्रेस और वाम दलों ने हस्ताक्षर नहीं किये थे। साथ ही, पवार ने कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर के लिए इन राजनीतिक दलों के साथ बातचीत नहीं की थी। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और आठ अन्य दलों द्वारा लिखे गये पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में महाराष्ट्र में विपक्षी खेमे से पवार तथा शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे शामिल हैं।

पवार ने संवाददाताओं से कहा कि सबसे पहले उन्होंने ही पत्र पर हस्ताक्षर किये थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री इसका संज्ञान लेंगे। कांग्रेस और वाम दलों द्वारा पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने और यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने दोनों दलों से बातचीत की थी, पवार ने कहा,‘‘कोई बातचीत नहीं हुई थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘जिन 5-10 लोगों से मैंने उनके हस्ताक्षर के लिए कहा, उनके हस्ताक्षर पत्र पर हैं। जिनसे मैंने हस्ताक्षर करने का अनुरोध नहीं किया, उनके हस्ताक्षर पत्र पर नहीं हैं।''

विपक्षी दलों के बीच एकता की जरूरत और कांग्रेस की भूमिका के बारे में उनके विचार पूछे जाने पर पवार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस का होना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस देश में एक महत्वपूर्ण पार्टी है। इसकी सफलताओं और असफलताओं को किनारे रख दीजिए, आज पार्टी के कार्यकर्ता हर गांव और प्रत्येक राज्य में है। जिस तरह कांग्रेस महत्वपूर्ण है, उसी तरह (तृणमूल कांग्रेस की) ममता बनर्जी भी अन्य नेताओं के साथ-साथ महत्वपूर्ण हैं।''

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया व्याख्यान के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यदि राहुल ने वहां ‘तथ्य' रखे थे तो परेशान होने की क्या बात है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है। वहीं, भाजपा ने राहुल की इस टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की थी। पवार ने कहा, ‘‘राहुल गांधी एक राजनीतिक दल के नेता हैं, जिनसे उनके आकलन के बारे में पूछा गया था। हिंदुस्तान में लोकतंत्र को लेकर जताई जा रही चिंताओं का आकलन करने में क्या गलत है? उन्होंने अपने विचार प्रकट किये थे।''

 


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Content Writer

Yaspal

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