भविष्य में हाइब्रिड युद्ध होंगे, क्षमता बढ़ाने की जरूरत : जनरल रावत

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 08:44 PM (IST)

नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि भविष्य में युद्ध क्षेत्र की प्रकृति ‘‘जटिल’’ होगी और लड़ाई का तरीका ‘‘हाइब्रिड’’ होगा और इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए उन्होंने क्षमता बढ़ोतरी की आवश्यकता जताई।  सेना प्रमुख ने कहा कि इलाके के पैटर्न में हो रहे बदलाव के साथ युद्ध टैंक जैसी क्षमता वाली बख्तरबंद गाडिय़ां पश्चिम के साथ साथ उत्तरी सीमा पर तैनात होनी चाहिए।

रावत ने बताया कि भविष्य में होने वाले युद्ध प्रकृति में मिलाजुला होगा और बलों को इससे निपटने के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। वह यहां ‘फ्यूचर आर्मर्ड व्हीकल्स इंडिया 2017’ के एक सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।  रावत ने कहा, ‘‘भविष्य के युद्ध क्षेत्र जटिल प्रकृति के होंगे।’’ परम्परागत तरीके से युद्ध लड़ते हुए उग्रवाद, आतंकवाद, छद्म युद्ध जैसी लड़ाइयों को ‘‘नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’

उन्होंने कहा कि दोनों पर एक साथ नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हाइब्रिड जंग होगा। इसलिए अंतरिक्ष, साइबर का इस्तेमाल होगा, युद्ध के समय सूचना का संघर्ष भी होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए उस तरह की हथियार प्रणाली, उपकरण और प्रौद्योगिकी को समझना होगा जिनसे सुरक्षा बलों का सामना होगा। सेना प्रमुख ने कहा कि थार मरूस्थल का कुछ हिस्सा दुरूह है। चुनौतियों से निपटने के लिए नहरों के विकास के साथ बंजर भूमि हरा भरा हुआ है और जनसंख्या का घनत्व बढ़ा है।

रावत ने कहा, ‘‘नहर प्रणाली के विकास के साथ हमें पुलों की जरूरतों और किस तरह से युद्धक वाहन वहां तक पहुंच सकेगा, इसका समाधान करना पड़ेगा। ऐसे में मैं कहा रहा हूं कि युद्ध का मैदान जटिल हो गया है... क्षेत्र में जटिलता बढ़ जाएगी।’’ भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि बख्तरबंद गाडिय़ां क्षमता वाली होनी चाहिए जो पश्चिम के साथ साथ उत्तरी सीमा पर काम करने में सक्षम हो।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम जो भी हथियार इस्तेमाल करने वाले हैं, वह दोनों मोर्चे पर काम करने में सक्षम होना चाहिए।’’  रावत ने उल्लेख किया कि सेना अपने मशीनीकृत बलों का आधुनिकीकरण करने की ओर देख रही है और इसके लिए एक समय सीमा होनी चाहिए। सेना 2025-2027 से आधुनिक टैंकों और आईसीवीएस (इन्फन्ट्री कंबैट व्हीकल्स) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।

रावत ने कहा, ‘‘यह ऐसा समय है जब हम कोई गलती नहीं कर सकते। हम क्या चाहते हैं, क्या क्षमताएं हैं और वास्तव में हमें क्या चाहिए, यह निर्णय करना होगा। हमें दिन और रात में काम करने वाली क्षमता होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा करते वक्त इन्फैन्ट्री की जरूरतों का ध्यान रखना होगा। 


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