पत्नी की हत्या कर शव को 72 टुकड़ों में काटा था, कल होगी सजा मुकर्रर

punjabkesari.in Thursday, Aug 31, 2017 - 06:54 PM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड की एक अदालत ने वर्ष 2010 में पत्नी की वीभत्स हत्या के आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को दोषी करार दे दिया। न्यायालय अब कल यानी शुक्रवार को दोषी पति की सजा मुकर्रर करेगा।  उत्तराखंड की शांतिपूर्ण वादियों के लिए विख्यात देहरादून में 11 दिसंबर, 2010 को एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसने देश भर में सनसनी फैला दी।

कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी मूल निवासी 141ध1 फर्स्ट फ्लोर  सत्य निकेतन नई दिल्ली पत्नी अनुपमा और दोबच्चोँ के साथ रहता था। 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा अचानक लापता हो गई।  बच्चे जब भी राजेश से मां के बारे में पूछते तो वह कहता कि उनकी मां नाना-नानी के घर गई हुई है। करीब दो माह तक ऐसे ही चलता रहा।

इस दौरान मायके पक्ष के लोगों का अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई राजेश के प्रकाशनगर स्थित आवास पर पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले। चार माह की छानबीन के बाद 10 मार्च 2011 को कैंट पुलिस ने राजेश को हत्या का आरोपी बताते हुए अदालत में चार्जशीट दाखिल की। आरोप पत्र में पुलिस ने बताया कि अनुपमा और राजेश में अक्सर झगड़ा होता था। 17 अक्टूबर 2010 की रात भी दोनों में मारपीट हुई।

इस दौरान अनुपमा के सिर पर बेड का कोना लग गया और वह बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने मुंह पर तकिया रखकर उसकी हत्या कर दी। अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार रुपए में डीप फ्रीजर खरीदा और लाश उसमें छुपा दी। जब खून जम गया तो राजेश ने बाजार से पत्थर काटने वाला ग्राइंडर व आरी खरीदी और उनसे लाश के 72 टुकड़े किए। लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने तीन बार में कुछ टुकड़े पॉलीथिन में करके मसूरी में पहाड़ी से नीचे फेंके। वह धीरे-धीरे यह कार्य कर रहा था ताकि किसी को शक न हो, मगर इसी बीच उसका भेद खुद गया।

गुरुवार को सात साल पहले अंजाम दिए गए अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में कोर्ट ने राजेश गुलाटी को दोषी करार दे दिया है। अपर जिला जज पंचम की अदालत में 18 अगस्त को अंतिम बहस पूरी हो गई थी। जिसके बाद आज राजेश गुलाटी को धारा 302 हत्या और 201 सबूत मिटाने के आरोप में दोषी करार दे दिया गया है। गुलाटी की सजा का ऐलान कल शुक्रवार को किया जाएगा। वहीं अदालत ने सुनवाई के दौरान मृतक के दो नाबालिग बच्चोँ की गवाही को अमान्य कर दिया। इस दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश और अपने बयान से पलटे दो गवाहों के बयानों को संक्षिप्त रुप से अदालत में अपने फैसले का आधार बनाया।


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