अमित शाह के दौरे के दौरान हुर्रियत को बड़ा झटका, तीन संगठनों ने छोड़ा साथ, 11 संगठन अब तक अलगाववाद से हटे
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 12:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन दिनों कश्मीर घाटी के तीन दिन के दौरे पर हैं। उनके वहां पहुंचते ही हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को एक बड़ा झटका लगा है। कश्मीर के तीन बड़े संगठन—जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू-कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट—ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है।
अमित शाह ने खुद इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये फैसला भारत के संविधान पर लोगों के विश्वास का संकेत है। इसके साथ ही अब तक 11 संगठन अलगाववाद छोड़कर भारत की मुख्यधारा की राजनीति में लौट चुके हैं।
कौन-कौन से नेता जुड़े हैं इसमें?
इन तीन संगठनों के प्रमुख नेताओं—हकीम अब्दुल रशीद, मोहम्मद यूसुफ नकाश, और बशीर अहमद अंद्राबी—ने भी कहा है कि अब उनका हुर्रियत या किसी भी अलगाववादी संगठन से कोई संबंध नहीं है।
- यूसुफ नकाश इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी के प्रमुख थे।
- हकीम अब्दुल रशीद मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग के अध्यक्ष थे।
- बशीर अहमद अंद्राबी कश्मीर फ्रीडम फ्रंट के प्रमुख थे।
तीनों नेताओं ने कहा कि वे अब भारत के संविधान के प्रति निष्ठावान हैं और किसी भी भारत विरोधी गतिविधि का हिस्सा नहीं हैं।
क्या बोले नेता?
- बशीर अंद्राबी ने कहा कि हुर्रियत अब लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है।
- नकाश ने साफ किया कि अब उनका हुर्रियत से कोई रिश्ता नहीं है।
- हकीम रशीद ने कहा कि उनके संगठन का नाम अब अगर हुर्रियत से जोड़ा गया, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इससे पहले भी कई संगठन हट चुके हैं
पिछले कुछ समय में 8 अन्य संगठन भी हुर्रियत से अलग हो चुके हैं। इनमें शामिल हैं:
जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकलाल, पीपुल्स मूवमेंट, साल्वेशन मूवमेंट, डेमोक्रेटिक मूवमेंट आदि। गृह मंत्री शाह का कहना है कि अब कश्मीर में अलगाववाद का युग खत्म हो रहा है और मोदी जी का एकजुट भारत का सपना अब और भी मजबूत हो गया है।