अपनी सुरक्षा अपने साथ: दीपिका, सारा की तरह कहीं आप तो नहीं कर रहे व्हाट्सएप पर ऐसी गलती ?

punjabkesari.in Tuesday, Sep 29, 2020 - 01:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बॉलीवुड को हिलाकर रख देने वाले ड्रग्स चैट प्रकरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया पर आपके द्वारा की गई गतिविधियां आपके लिए कभी भी खतरा बन सकती हैं। खासतौर से मैसेजिंग एप्स जैसे व्हाट्सएप, मैसेंजर आदि पर की गई चैटिंग आपके ही खिलाफ हथियार बन सकती है। हाल ही में एन.सी.बी. ने दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर से पूछताछ के समय उनके मोबाइल फोन भी जमा करा लिए। हालांकि यह कहा जा रहा है कि उन्होंने फोन स्वेच्छा से दे दिए लेकिन क्या आप इस पर यकीन करेंगे? अब इनकी व्हाट्सएप चैट का पुराना रिकार्ड खंगाला जाएगा और अगर सबके बैकअप में पुरानी चैट्स का डाटा मिल गया तो उससे चौंकाने वाली जानकारी मिलनी तय है।

 

कैसे सुरक्षित रखें डाटा?
अब सवाल यह है कि इनकी चैट्स का बैकअप ऑन था या ऑफ? अगर क्लाऊड में इनकी चैट का डाटा मिल गया तो बवाल हो सकता है। ऐसे में हमारे-आपके सामने भी यह सवाल खड़ा होता है कि क्या हमने अपनी चैट्स का बैकअप ऑन किया हुआ है या ऑफ? और अगर आपने अपनी व्हाट्सएप का बैकअप ऑन किया हुआ है तो समझिए आपकी चैट्स का पुराना बैकअप मिल सकता है। यही इन अभिनेत्रियों के साथ भी हो सकता है। दो तरीके से इनका डाटा लिया जा सकता है-

  1.  अगर चैट्स डिलीट नहीं की गई हैं तो फोन की क्लोनिंग की जा सकती है और इस तरह सारा स्टोर किया हुआ डाटा मिल जाएगा। इसे बाईपास इनक्रिप्शन कहा जाता है। 
  2.  अगर बैकअप डिलीट नहीं किया गया है तो किसी भी फोन की क्लाऊड सर्विस (आई क्लाऊड या गूगल) को एक्सैस किया जा सकता है। 

 

पुराना डाटा कैसे खत्म करें?
आपने आई क्लाऊड में जाकर बैकअप बंद कर दिया और एप्स में भी बैकअप बंद कर दिया लेकिन जिस दिन आपने बैकअप बंद किया उससे पहले तक का डाटा तो बैकअप में है। इसे कैसे खत्म किया जाए यह भी बड़ी चुनौती है। 

 

  1.  किसी भी फाइल को डिलीट करने के बाद उन सभी जगहों को देख लें जहां पर डाटा सेव हो सकता है। ये क्लाऊड स्टोरेज सर्विस के अलावा आपके फोन के भीतर एक फोल्डर भी हो सकता है।
  2.  जब भी किसी प्रकार का डाटा डिलीट करें तो आपका फोन एयरप्लेन मोड पर होना चाहिए। इससे कहीं पर भी आपके डाटा व फाइलों का बैकअप नहीं होगा। अगर आप एंड्रॉयड फोन चला रहे हैं तो आप अपनी फाइलें ढूंढने के लिए ‘फाइल्स फ्रॉम गूगल’ एप का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपकी फाइलें सैट में कहां पर हैं। 
  3. अगर आप इससे भी ज्यादा सुरक्षा चाहते हैं तो फिर आपको अपनी फाइलें नष्ट करनी होंगी। इसके लिए आप श्रेडर एप्स का प्रयोग कर सकते हैं। एंड्रॉयड सैट्स के लिए डाटा इरेजर सीबी या सिक्योर इरेज विद आईश्रेडर 6 एप्स का प्रयोग कर सकते हैं। आईओएस (एप्पल) उत्पादों में आप आई श्रेडर आईओएस4 एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

तो फिर हल क्या है?
अपनी चैट्स व दूसरे एप्स की मैमोरी को बचाने का उपाय आपको ही करना होगा। अगर आप एंड्रॉयड फोन चलाते हैं तो आपको प्रत्येक एप्स की सैट्ग्सिं में जाकर बारी-बारी से सबके बैकअप को डिसएबल करना होगा। यदि आप आईफोन चलाते हैं तो आपको एप्पल आई.डी. में जाकर आई क्लाऊड की सैटिंग्स में जाकर बारी-बारी से बैकअप को बंद करना होगा। ऐसा करने से आपकी चैट्स डिलीट करते ही खत्म हो जाएगी और इसका बैकअप नहीं बनेगा। 

 

व्हाट्सएप चैट: बरतें ये सावधानियां

  • कभी भी अपनी व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शाट्स न लें। 
  • एप्प को अपडेट रखें। ऑटोमेटिक अपडेट स्विच ऑन रखें।
  • सभी एप्स को अपना डाटा एक्सैस करने की अनुमति न दें। 
  • ड्राइव या क्लाऊड बैकअप ऑन है तो उसे तुरंत बंद कर दें। 
  • किसी से भी पासवर्ड शेयर न करें। फोन को रिपेयर पर दे रहे हैं तो भी ऐसा न करें। 
  • केवल पर्सनल कंप्यूटर पर ही व्हाट्स वैब का प्रयोग करें। 
  • अपनी चैट्स को पासवर्ड प्रोटेक्टेड रखें।
  • अंतरंग चैट करते समय यह ध्यान रखें कि दोनों ओर से ये चैट सुरक्षित हो। 
  • ग्रुप चैट्स करते समय बहुत सावधानी रखें। ये सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं।
  • किसी को फोन दे रहे हैं या बेच रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसे फैक्टरी रीसैट करने के बाद ही दें। 


प्रमुख क्लाऊड सेवाएं

गूगल फोटोज, गूगल ड्राइव, आई क्लाऊड, व्हाट्सएप बैकअप्स, ड्राप बाक्स, वन ड्राइव, बाक्स और मैगा।


इस तरह रिकवर होता है डाटा

  • आपने फाइलें डिलीट कर दी हैं और इसके लिए पूरी सावधानी भी बरती है तो भी हैकर्स आपके फोन से ये डाटा रिकवर कर सकते हैं। ये सर्विस प्रदाता के सर्वर से आपका डाटा ले सकते हैं। अधिकृत एजैंसियां ऐसा कोर्ट के आर्डर से कर सकती हैं। कुछ लोगों के ईमेल अकाऊंट के माध्यम से डाटा तलाशा जा सकता है। 
  • अगर आपने श्रेडर के माध्यम से फाइलें नष्ट की हैं या फोन को फैक्टरी मोड पर डालकर रीसैट किया है तो फोरैंसिक टूल्स के माध्यम से डाटा को तलाशा जा सकता है। इसके लिए काल हिस्ट्री, फोटो, वीडियो, आडियो और डाक्यूमैंट्स में जाकर छानबीन की जाती है। 
  • यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि ऑनलाइन के इस दौर में 100 प्रतिशत कुछ भी सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद सबका सावधान रहना जरूरी है। 

 

कब तक रहता है डाटा सुरक्षित
यदि आपने गूगल फोटोज या आई क्लाऊड में जाकर अपनी फाइलें डिलीट की हैं तो 30 दिन तक डिलीट की गई फाइलें बिन फोल्डर में सुरक्षित रहती हैं और अगर आप बिन फोल्डर में जाकर भी उन्हें डिलीट कर देते हैं तो फिर ये फाइलें केवल क्लाऊड प्रदाता के सर्वर से ही मिल सकती हैं और वहां से डाटा रिकवर करने के लिए जांच एजैंसियों को कोर्ट से वारंट की दरकार होती है। वारंट मिलने के बाद क्लाऊड प्रदाता से आपके ईमेल अकाऊंट, क्लाऊड स्टोरेज, सोशल नैटवर्क आदि के पासवर्ड भी हासिल किए जा सकते हैं।

क्लाऊड से डिलिंक के नुक्सान
अगर आप अपने फोन को क्लाऊड मैमोरी से लिंक  कर देते हैं तो फिर आपका डाटा आपको ही नहीं मिलेगा। आप अपने सारे कांटैक्ट नंबर और अन्य जरूरी तस्वीरें आदि खो सकते हैं। 

भारत में डाटा सुरक्षा
भारत में आपकी डाटा सुरक्षा को लेकर कोई कानून नहीं है। आप केवल मेल व मैसेजिंग सर्विस देने वालों की कृपा पर चल रहे हैं। भारत में आई.टी. एक्ट के तहत सैक्शन 43 व 66 के तहत हैकिंग व डाटा चोरी के ही मामले बनते हैं। इन दोनों में ही जमानत का प्रावधान है। 
 


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vasudha

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