महामारी से निपटने के लिए देश में कितने बने प्लाज्मा बैंक, सरकार को नहीं इसकी जानकारी

punjabkesari.in Sunday, Sep 20, 2020 - 04:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के इलाज के लिए ‘कॉन्वेलसेंट' प्लाज्मा थैरेपी की सिफारिश नहीं की है और प्लाज्मा बैंकों की स्थापना के बारे में किसी प्रस्ताव पर विचार भी नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। 

 

चौबे ने बताया कि राज्यों ने कोविड-19 मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी मुहैया कराने के लिए ऐसे बैंकों की स्थापना की पहल की है लेकिन इन बैंकों के संबंध में केंद्रीय स्तर पर कोई आंकड़े नहीं रखे गए हैं। प्रश्न में पूछा गया था कि देश में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए राज्यवार कितने प्लाज्मा बैंक हैं और क्या सरकार का देश में कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए और प्लाज्मा बैंकों की स्थापना करने का प्रस्ताव है।

 

राज्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के लिए ‘क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल' में ‘कॉन्वेलसेंट' प्लाज्मा थैरेपी को ऐसी थैरेपी के तौर पर शामिल किया गया है जिसकी अभी जांच चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में कोविड-19 से मौत के आंकड़े कम हैं। 

राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में चौबे ने बताया कि फिलहाल ऐसी कोई दवा या टीका नहीं है जो कोरोना वायरस के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ सके। उन्होंने कहा कि फिलहाल लगातार हाथ धोते रहने, मास्क और फेस कवर पहनने, भीड़ वाली जगहों में जाने से बचने और सुरक्षित दूरी रखने जैसे उपायों से ही कोरोना वायरस के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। चौबे ने कहा कि इसके साथ ही सामुदायिक जागरुकता पर भी जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 अत्यंत संक्रामक रोग है। इससे जुड़े कई पहलुओं पर अनुसंधान जारी है।


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vasudha

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