ऑफ द रिकॉर्ड: राहुल ने कैसे चिदंबरम को खड़ा किया कटघरे में!
punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 05:29 AM (IST)
नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनावों के 23 मई को आए परिणामों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद 25 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सी.डब्ल्यू.सी.) की बैठक में जो कुछ हुआ उसके संबंध में चौंकाने वाला विवरण अभी भी सामने आ रहा है।
मीडिया में प्रमुखता के साथ ये खबरें दी गईं कि राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों की बजाय अपने पुत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए आड़े हाथ लिया और कहा कि उन्होंने अन्य सीटों में पार्टी उम्मीदवारों पर ध्यान देने की बजाय अपने पुत्रों के निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकांश समय लगाया लेकिन अब यह बात उभर कर सामने आ रही है कि राहुल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम को भी सी.डब्ल्यू.सी. की बैठक में कटघरे में खड़ा किया है।
जब चिदम्बरम राहुल गांधी की भाजपा के खिलाफ उनके बड़े संघर्ष के लिए प्रशंसा कर रहे थे और यहां तक कहा कि तमिलनाडु, केरल और पंजाब में मोदी लहर का कोई असर नहीं हुआ तो राहुल ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। बताया जाता है कि राहुल ने कहा, ‘‘आप भी अपने बेटे को प्रोत्साहन देने में व्यस्त रहे थे और पार्टी को छोडऩे तक की आपने धमकी दे दी थी।’’
इस पर हैरान चिदम्बरम ने इसका स्पष्ट रूप से खंडन किया और दृढ़ता से कहा, ‘‘मैं कभी भी पार्टी को छोडऩे के बारे में सोच भी नहीं सकता और यह गलत है।’’ लेकिन राहुल उस दिन अलग ही मूड में थे और बैठक में हर किसी को उसकी ‘औकात’ बताने के लिए पूरी तरह तैयारी के साथ आए थे। राहुल ने चिदम्बरम को और प्रताडि़त करने का फैसला किया तथा उनके साथ बैठे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल की तरफ मुंह घुमाया। उन्होंने वेणुगोपाल से पूछा, ‘‘क्या चिदम्बरम ने उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम को टिकट न देने पर पार्टी छोडऩे की धमकी नहीं दी थी?’’
जब वेणुगोपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए ‘हां’ में जवाब दिया तो चिदम्बरम ने अपना भाषण बीच में ही बंद करने का फैसला किया और आरोप का खंडन किए बिना बैठ गए। तब से चिदम्बरम ने राहुल गांधी से कभी मुलाकात नहीं की और वे केवल एक बार ही आमने-सामने हुए थे। चिदम्बरम को इस बात को लेकर गहरा आघात पहुंचा क्योंकि उन्होंने वेणुगोपाल के साथ अनौपचारिक बातचीत की थी जो उनके जूनियर हैं लेकिन सी.डब्ल्यू.सी. के सभी सदस्यों के सामने चिदम्बरम को उजागर किया गया।