इंटरव्यू में बोली हनीप्रीत, ‘मेरे पापा बेकसूर, मैं अवसाद से ग्रस्त, मैं देशद्रोही नहीं’

punjabkesari.in Wednesday, Oct 04, 2017 - 12:50 AM (IST)

चंडीगढ़(पांडेय): डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम को दुष्कर्म के आरोप में दोषी करार दिए जाने के बाद फरार चल रही उसकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत ने अपने पिता को बेगुनाह बताया है। हनीप्रीत ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को क्यों उछाला जा रहा है। हनीप्रीत ने ये शब्द न्यूज चैनलों को दिए गए इंटरव्यू में कहे हैं। उसने एक योजना के तहत चंडीगढ़ में 2 न्यूज चैनलों से बातचीत में अपने अंदर के गुबार को सांझा किया।

 
हनीप्रीत ने कहा कि अब वह खुद से डरने लगी है। उसने खुद पर लगे देशद्रोही के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि एक बेटी भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अदालत परिसर के भीतर जाती है तो क्या यह बगैर किसी मंजूरी के संभव है। उसने कहा कि मैंने जिंदगी में एक कीड़ा भी नहीं मारा है और मुझे देशद्रोही बना दिया गया। पुलिस के डर से भागने के सवाल पर हनीप्रीत ने कहा कि मैं कहीं भागी नहीं थी, मैं अवसाद से ग्रस्त हो गई थी। जो लड़की अपने बाप के साथ देशभक्ति की बात करती थी वह जेल में चले गए। लड़की पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया। मुझे कानूनी प्रक्रिया का पता ही नहीं था। पापा के जाने के बाद मैं तो बेसहारा हो गई हूं। 

 

मैं कभी भी हीरोइन नहीं बनना चाहती थी
हनीप्रीत ने कहा कि वह कभी भी हीरोइन नहीं बनना चाहती थी। मैं हमेशा कहती थी कि मैं कैमरे के पीछे रहना चाहती हूं। इतने बड़े विवाद के बावजूद हनीप्रीत ने डेरा प्रमुख को क्लीनचिट देते हुए कहा कि अफवाहों के बावजूद आज तक डेरे में न तो कोई नर-कंकाल मिला है और न ही आरोप लगाने वाली लड़कियां सामने आई हैं। हजारों लड़कियों की बातों को अनसुना करके एक खत को सही मान लिया गया। हनीप्रीत ने कहा कि वह कभी भी नेपाल नहीं गई थीं और देश में ही रह रही थीं। उन्होंने कहा, ‘मैं इतनी डरी हुई थी कि अपनी मानसिक स्थिति बयां नहीं कर सकती हूं। 


हनीप्रीत ने इंटरव्यू में हरियाणा पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि यदि वह आरोपी थी तो उन्हें डेरा प्रमुख के साथ हैलीकॉप्टर में क्यों जाने दिया गया। हनीप्रीत ने कहा कि उस दिन पंचकूला में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। रोहतक में भी पुलिस तैनात थी। इसके बावजूद उसे पंचकूला कोर्ट से हैलीकॉप्टर में रोहतक जाने की इजाजत दी गई। रोहतक जेल में भी पुलिस बल तैनात था। इसके बावजूद अगर वह दोषी थी तो उन्हें जाने क्यों दिया गया और पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार क्यों नहीं किया।


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