तिरंगे को दिन-रात फहराये जाने की अनुमति मिलने के बाद पूर्व कांग्रेस सांसद ने जताई खुशी, जानिए क्या है नया नियम

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 09:44 PM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने देश के झंडा संहिता में बदलाव करके दिन और रात दोनों समय तिरंगा फहराने की अनुमति देने के लिए रविवार को सरकार की सराहना की। जिंदल ने कहा कि यह "बहुत प्रगतिशील निर्णय" है जो निश्चित रूप से अधिक लोगों को सम्मान और गर्व के साथ ध्वज को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सरकार ने यह बदलाव ऐसे वक्त पर किया है जब वह ‘आजादी का अमृत महोत्वस' के तहत 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा' कार्यक्रम की शुरुआत करने वाली है।

कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं ‘फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष जिंदल ने कहा, ‘‘यह बहुत प्रगतिशील निर्णय है। भारतीय झंडा संहिता में यह संशोधन निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को साल के सभी दिनों में सम्मान और गर्व के साथ तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और 'हर घर तिरंगा अभियान' को भी बढ़ावा देगा। जय हिंद।'' सरकार ने देश की झंडा संहिता में बदलाव किया है, जिसके तहत अब दिन के साथ-साथ रात को भी तिरंगा फहराया जा सकेगा। बदलाव से पहले तक कुछ अपवादों के अलावा तिरंगा को शाम से पहले उतार लिया जाता था। साथ ही अब पॉलिएस्टर कपड़े और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है।

सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है। पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिये संशोधन किया गया है और अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को इस तरह पढ़ा जाएगा : ‘‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।''

इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।'' इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी। उद्योगपति एवं फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जिंदल ने भारतीय झंडा संहिता 2002 में नवीनतम संशोधन का स्वागत किया है।


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Content Writer

Yaspal

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