आज के दिन हुई थी आजादी के बाद पहली जनगणना की तैयारी

punjabkesari.in Saturday, Feb 09, 2019 - 03:00 PM (IST)

नई दिल्ली: जनगणना हर दस वर्ष में मनाया जाने वाला एक ऐसा राष्ट्रीय उत्सव है, जिसमें देश के हर हिस्से में रहने वाले हर नागरिक को शामिल किया जाता है। देश में 1871 के बाद से हर दसवें बरस जनगणना होती थी। इस लिहाज से 1947 में बंटवारा और देश आजाद होने के बाद 1951 में हुई जनगणना कहने को तो अपने आप में नौवीं जनगणना थी, लेकिन यह आजादी के बाद की पहली जनगणना थी और बंटवारे के कारण इसमें बहुत से बदलाव आए। इससे भारत का नक्शा बदलने के साथ ही ङ्क्षहदु मुस्लिम आबादी का अनुपात भी बदल गया। आजाद भारत की जनगणना के इतिहास में नौ फरवरी का खास महत्व है क्योंकि इसी दिन जनगणना के लिए सूची बनाने का काम शुरू किया गया था।  देश दुनिया के इतिहास में नौ फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-      
 

 

  • 1757 : राबर्ट क्लाइव ने अलीनगर संधि के जरिए कलकत्ता :अब कोलकाता: को सिराजुदौला से लेकर ब्रिटिश नियंत्रण वाले इलाके में शामिल कर लिया।  
  • 1824 : उन्नीसवीं सदी के प्रसिद्ध बांग्ला कवि और नाटककार माइकल मधुसूदन दत्ता ने ईसाई धर्म कुबूल किया।    
  •  1951 : स्वतंत्र भारत में पहली जनगणना के लिए सूची बनाने का कार्य शुरु किया गया।      
  • 1969 : देश के छह राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कांग्रेस पार्टी ने बहुत खराब प्रदर्शन किया। 
  • 1971 : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा चांद पर भेजा गया अपोलो 14 अंतरिक्ष यान अपनी कार्यअविध पूरी कर धरती पर वापस लौटा 
  • 1975 : रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज 17 अंतरिक्ष में 29 दिन बिताने के बाद धरती पर लौटा।      
  • 1992 : पर्यटकों को सेनेगल में डकार लेकर जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त। रात के अंधेरे में पायलट ने गंतव्य से कुछ पहले एक होटल के बगीचे में लगी कतारबद्ध लाइटों को विमान तल की हवाई पट्टी समझकर उसपर विमान उतार दिया। विमान में सवार 59 लोगों में से 31 की मौत हो गई।      
  • 2006 : शिया मुसलमानों के पवित्र दिन ‘‘आशूरा’’ पर पाकिस्तान के हांगू में फिदायीन हमले में 23 लोगों की मौत। बाद में शिया और सुन्नी मुसलमानों में दंगे भड़कने से मरने वालों की तादाद 31 तक पहुंची। अफगानिस्तान के हेरात में भी दंगों में 6 लोग मरे और करीब 120 घायल हुए। 
  • 2008 : अपना पूरा जीवन कुष्ठ रोगियों के कल्याण पर लगाने वाले बाबा आमटे का निधन।      
  • 2010 : हैती में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 2,30000 होने का आधिकारिक ऐलान किया गया।      

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Anil dev

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