प्रसिद्व हिंदी कवि केदारनाथ सिंह का 83 साल की उम्र में निधन

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 05:47 AM (IST)

नई दिल्लीःज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी के प्रख्यात कवि केदार नाथ सिंह का सोमवार रात यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह करीब 84 वर्ष के थे। पिछले एक वर्ष से बीमार चल रहे कवि केदार नाथ सिंह को, कई निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। करीब सात दिन पहले उन्हें दोबारा एम्स में भर्ती कराया गया जहां रात करीब आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार कल तीन बजे लोदी रोड स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा।  उनके परिवार में उनका एक पुत्र और पांच बेटियां हैं। उनकी पत्नी का निधन कई साल पहले हो गया था। केदारनाथ सिंह के निधन से हिंदी साहित्यकारों एवं उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।

बता दें कि प्रमुख आधुनिक हिंदी कवियों एवं लेखकों में से केदारनाथ सिंह का स्थान सबसे ऊपर था। केदारनाथ सिंह चर्चित कविता संकलन ‘तीसरा सप्तक’ के सहयोगी कवियों में से एक हैं। इनकी कविताओं के अनुवाद लगभग सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेज़ी, स्पेनिश, रूसी, जर्मन और हंगेरियन आदि विदेशी भाषाओं में भी हुए हैं। कविता पाठ के लिए दुनिया के अनेक देशों की यात्राएं की थी । 2013 में केदारनाथ सिंह की सेवाओं के लिए उन्हें साहित्य के सबसे बड़े सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह हिन्दी के 10वें लेखक थे। 

केदारनाथ सिंह का जन्म 1934 में उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के चकिया गांव में हुआ था। इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से 1956 में हिन्दी में एम.ए. और 1964 में पी.एच.डी की। केदारनाथ सिंह ने कई कालेजों में पढ़ाया और अन्त में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए। इन्होंने कविता व गद्य की अनेक पुस्तकें रची हैं और अनेक सम्माननीय सम्मानों से सम्मानित हुए। 'बाघ' इनकी प्रमुख लम्बी कविता है, जो मील का पत्थर मानी जा सकती है।


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