यहां होती है हीरों की वर्षा

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2017 - 03:34 PM (IST)

नेशनल डैस्कः शायद ही किसी को यकीन हो कि आसमान से हीरे भी बरसते हैं मगर यह सच है। हालांकि, ऐसा हमारी धरती पर नहीं होता। दरअसल, हमारे सौर मंडल में शामिल दो ग्रहों नैप्च्यून तथा यूरेनस में वास्तव में हीरों की बारिश होती है। यह दावा वैज्ञानिकों ने किया है जिनके अनुसार, यूरेनस और नैप्च्यून में पानी नहीं, बहुमूल्य रत्नों तथा हीरों की बारिश होती है और ऐसा पिछले कुछ दिनों से हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन ग्रहों के अंदरूनी भागों के वातावरण में दबाव बहुत ज्यादा होता है जिसकी वजह से हाइड्रोजन और कार्बन के अणु टूट जाते हैं। इसी कारण से इन प्लैनेट्स पर हीरों की बरसात होती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले हजार सालों से ये हीरे धीरे-धीरे इन ग्रहों की बर्फीली सतह पर जमा हो रहे हैं। इन ग्रहों के हालात पृथ्वी से कहीं अलग हैं। नैप्च्यून पृथ्वी से 17 और यूरेनस 15 गुणा बड़ा है। दोनों की संरचना पृथ्वी से अलग है,जहां हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों का दबदबा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों के भीतरी भाग यानी सतह से लगभग 62,000 मील अंदर अत्यधिक दबाव होता है। यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है।


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