कर्नाटक में बोपैया ही बने रहेंगे प्रोटेम स्पीकर, बहुमत परीक्षण का होगा लाइव टेलीकास्ट

punjabkesari.in Saturday, May 19, 2018 - 11:55 AM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा के जी बोपैया को प्रोटेम अध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस और जद ( एस) की संयुक्त याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रोटेम स्पीकर बोपैया ही रहेंगे और वही कराएंगे शक्ति परीक्षण। साथ ही बताया गया कि शक्ति परीक्षण का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। 

सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय​​​​​​​ में दी ये दलील
कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की ओर से पेश हुए सिब्बल ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के लिए राज्यपाल के पास सीमित विवेकाधिकार है। अगर प्रोटेम स्पीकर को सिर्फ विधायकों को शपथ दिलानी होती तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती, समस्या यह है कि वही शक्ति परीक्षण संचालित करेंगे। राष्ट्रमंडल देशों में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम अध्यक्ष बनाने का चलन है।

उच्चतम न्यायालय का सिब्बल को जवाब
उच्चतम न्यायालय ने सिब्बल से कहा कि हम राज्यपाल को प्रोटेम अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश कैसे दे सकते हैं।  उच्चतम न्यायालय पूर्व के उदाहरण हैं जहां सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया। वहीं उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के राज्यपाल के वकील की शक्ति परीक्षण के सीधे प्रसारण की सलाह को ‘ निष्पक्ष ’ बताया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण कार्यवाही में पारर्दिशता सुनिश्चित करने का सबसे बेहतर तरीका होगा। उच्चतम न्यायालय ने सुझाव दिया कि सभी चैनलों को शक्ति परीक्षण का सीधा प्रसारण करने दिया जाए।  


PunjabKesariकांग्रेस-जद(एस) गठबंधन ने बोपैया को कर्नाटक विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस-जद(एस) की ओर से वकीलों के एक समूह ने न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर याचिका दायर की। कांग्रेस-जद(एस) बोपैया की नियुक्ति का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि संसदीय परंपरा के अनुसार अस्थायी अध्यक्ष वरिष्ठतम विधायक को नियुक्त किया जाता है और ऐसा विधायक कांग्रेस में है, न कि बोपैया।
PunjabKesariयाचिकाकर्ताओं का आरोप है कि विश्वास प्रस्ताव से संबंधित मतदान में गड़बड़ी करने के इरादे से ही बोपैया को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। गठबंधन ने शक्ति परीक्षण के लिए होने वाले मतदान की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने का अनुरोध भी नई याचिका में किया है। न्यायालय ने बी एस येद्दियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के खिलाफ बुधवार रात दायर याचिका पर आज सुबह साढ़े दस बजे हुई सुनवाई के दौरान यह अनुरोध ठुकरा दिया था। न्यायमूर्ति ए के सिकरी की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने येद्दियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया है।


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