कारवां’, रमेश के खिलाफ अजीत डोभाल के बेटे की मानहानि याचिका पर सुनवाई 30 जनवरी को

punjabkesari.in Tuesday, Jan 22, 2019 - 08:44 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को कथित रूप से मानहानिपूर्ण लेख प्रकाशित करने पर एक समाचार पत्रिका तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की शिकायत पर गौर करने पर सहमति जताई। विवेक ने आरोप लगाया कि रमेश ने ‘‘उनके पिता से बदला लेने के लिए’’ उन्हें ‘‘जानबूझकर अपमानित करने और उनकी छवि खराब करने’’ के लिए इस लेख का इस्तेमाल किया।

इस शिकायत में ‘द कारवां’ और लेख के लेखक पर आरोप लगाये गये हैं। इस पर 30 जनवरी को सुनवाई होगी और उस दिन विवेक द्वारा बताए गए गवाहों के बयान दर्ज होंगे। विवेक के अलावा, दो अन्य गवाह उनके दोस्त निखिल कपूर तथा कारोबारी साथी अमित शर्मा हैं जो फौजदारी मानहानि शिकायत के समर्थन में अपने बयान दर्ज कराएंगे। शिकायत में आरोप लगाया गया कि लेख में विवेक द्वारा संचालित कंपनियों को ‘‘डी-कंपनीज’’ कहा गया है जो उनके तथा पूरे देश के लिए बहुत निरादर वाला नाम है।

विवेक डोभाल की ओर से पेश अधिवक्ता डी पी सिंह ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा, ‘‘कृपया मेरी शिकायत पर संज्ञान लीजिए। मेरे खिलाफ मानहानिपूर्ण सामग्री प्रकाशित हुई है।’’ जब वकील ने डी कंपनी का जिक्र किया तो न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसका (डी-कंपनी) क्या मतलब है?’’ वकील ने कहा कि यह भगोड़े अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में है जो विदेश से गैरकानूनी गतिविधियां चला रहा है। वकील ने कहा, ‘‘दाऊद का जिक्र करने के लिए इस नाम (डी कंपनी) का इस्तेमाल कई फिल्मों में किया गया है।’’

शिकायत के अनुसार, रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके लेख में लिखे ‘‘बेबुनियाद और मनगढंत तथ्यों’’ को दोहराया था। ‘द कारवां’ ने 16 जनवरी को अपनी ऑनलाइन पत्रिका में ‘द डी कंपनीज’ शीर्षक से खबर दी थी जिसमें कहा गया था कि विवेक ‘‘कर चोरी की स्थापित पनाहगाह केमन द्वीप पर एक विदेशी फंड कंपनी चलाते हैं’’ जिसका ‘‘पंजीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा 2016 में 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद करने के केवल 13 दिन बाद हुआ।’’

 


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Yaspal

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