अगर शरीर दे रहा है ये 10 संकेत, तो सर्वाइकल कैंसर हो चुका है शुरू – देर न करें डॉक्टर के पास जाएं
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 08:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: महिलाओं के लिए एक गंभीर लेकिन अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला स्वास्थ्य खतरा है – सर्वाइकल कैंसर। यह एक ऐसा कैंसर है जो आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है और जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक यह शरीर में काफी फैल चुका होता है। यही कारण है कि समय पर जांच और सावधानी इसकी रोकथाम में अहम भूमिका निभाती है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
यह गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) यानी गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाले हिस्से में होने वाला कैंसर है। अमेरिका में हर साल लगभग 13,000 महिलाओं में इसका पता चलता है, जबकि ब्रेस्ट कैंसर के मामले इससे कई गुना अधिक (3 लाख से ज्यादा) होते हैं। इसका मुख्य कारण है – शुरुआती चरण में लक्षणों का स्पष्ट रूप से न दिखाई देना।
कौन-कौन से लक्षण हो सकते हैं संकेत?
1. असामान्य रक्तस्राव
पीरियड्स के बीच
यौन संबंध के बाद
मेनोपॉज़ के बाद
बहुत ज्यादा या लंबे समय तक चलने वाला मासिक धर्म
2. वजाइना से होने वाला असामान्य स्राव
अगर स्राव अत्यधिक, बदबूदार या पानी जैसा हो, या उसमें खून मिले — तो ये लक्षण नजरअंदाज न करें।
3. शारीरिक संबंध के दौरान दर्द
अगर यह दर्द लगातार हो रहा है, तो यह किसी संक्रमण या गहराते हुए कैंसर का संकेत हो सकता है।
4. पीठ, पेल्विक या पैरों में दर्द व सूजन
कैंसर के लिंफ नोड्स तक फैलने पर यह सूजन या दर्द पैदा कर सकता है। पैर भारी लगना या सूजना भी चिंताजनक हो सकता है।
5. अचानक वजन घटना और भूख न लगना
बिना किसी डाइटिंग या एक्सरसाइज के अगर वजन तेजी से गिर रहा है, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
6. लगातार थकान महसूस होना
अगर भरपूर नींद लेने के बावजूद कमजोरी बनी रहती है और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो रही है — तो यह शरीर में किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
किन वजहों से होता है सर्वाइकल कैंसर?
एचपीवी संक्रमण (HPV – Human Papillomavirus)
सर्वाइकल कैंसर के लगभग हर मामले में यह वायरस जिम्मेदार होता है। यह यौन संपर्क से फैलता है।
HPV वैक्सीन 11-12 साल की उम्र में देना सबसे प्रभावी होता है और 26 साल तक के युवा भी इसे ले सकते हैं।
एचआईवी संक्रमण (HIV)
कमजोर इम्यून सिस्टम के चलते HIV से ग्रसित महिलाओं में इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव ही है सबसे बड़ा इलाज
हर साल गाइनोकोलॉजिस्ट से रेगुलर जांच कराएं।
पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Test) समय-समय पर कराना जरूरी है। यह सर्विक्स में आने वाले बदलावों को समय रहते पकड़ सकता है।
HPV टेस्ट भी कराया जा सकता है, जिससे खतरे की पहचान जल्दी हो जाती है।