स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर और सस्पेंशन...गोवा के विवाद की पूरी कहानी, CM को खुद डैमेज कंट्रोल करना पड़ा

punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 01:15 AM (IST)

नेशनल डेस्कः गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बाम्बोलिम स्थित गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) का अचानक निरीक्षण किया। उन्हें एक वरिष्ठ पत्रकार की शिकायत मिली कि उनकी सास (एक बुजुर्ग महिला, साइटिका से पीड़ित) को इमरजेंसी वार्ड में इंजेक्शन देने से इनकार किया गया। उसी समय, उन्होंने CMO डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाते हुए कहा: “आप अपनी जुबान पर काबू रखना सीखिए, आप डॉक्टर हैं...” और तत्काल निलंबन का आदेश दे दिया। यह सब कैमरे पर रिकॉर्ड हुआ और वायरल हो गया।

प्रतिक्रिया और विरोध

वीडियो वायरल होने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), गोवा रेजिडेंट डॉक्टर संघ (GARD) और मेडिकल समुदाय में भारी विरोध हुआ। उन्होंने इस कार्रवाई को "भावनात्मक हमला" और "डॉक्टर की गरिमा का अपमान" बताया और तुरंत निलंबन वापस लेने व एक पब्लिक माफी की मांग की। डॉक्टरों ने चिकित्सकीय क्षेत्रों में वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध और अस्पतालों में VIP संस्कृति समाप्त करने की भी मांग उठाई। यदि 24 घंटे के भीतर माफी नहीं मिली, तो वे हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने लगे।

मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप

CM प्रमोद सावंत ने हस्तक्षेप कर डॉ. कुट्टीकर के निलंबन को पलट दिया और आश्वस्त किया कि वे निलंबित नहीं होंगे, साथ ही चिकित्सा टीम की सेवा की सराहना की।

स्वास्थ्य मंत्री की माफी और फिर विरोध

बढ़ते दबाव के बीच 9 जून को स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया (X) पर माफी पोस्ट की: “मेरे इरादे सही थे, लेकिन शब्द गलत थे। डॉक्टरों का समाज में पवित्र दर्जा है...” उन्होंने कहा: "मैं IMA और CMO से माफी मांगना चाहता हूं... मैं मरीज के दर्द को समझता हूं... मेरा इरादा सही था, लेकिन शब्द गलत थे... मैं इसको राजनीतिक नहीं बनाना चाहता”। इसके बावजूद डॉक्टरों ने इसे “स्टूडियो माफी” करार दिया और CMO से उसी अस्पताल वार्ड में सार्वजनिक माफी मांगने पर जोर दिया।

राणे ने स्पष्ट किया कि वह उसी मरीज के लिए खड़े होने के लिए माफी नहीं मांगेंगे, जो जरूरी इलाज से वंचित बची और यही उनका प्राथमिक उद्देश्य था।


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Content Writer

Pardeep

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