कोरोना वायरस के बीच हवाना सिन्ड्रोम ने दी भारत में दस्तक, जानें इस बीमारी के लक्षण
punjabkesari.in Tuesday, Sep 21, 2021 - 03:30 PM (IST)
नई दिल्ली- कोरोना माहामारी का कहर जहां अभी थम नहीं रहा वहीं इस बीच एक नई बीमारी ने जन्म ले लिया है। दरअसल, भारत आए सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स ने एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने एक रहस्यमयी बीमारी हवाना सिंड्रोम के लक्षणों के बारे में जानकारी दी।
हवाना सिंड्रोम के लक्षण-
उनके मुताबिक करीब 200 अमेरिकी अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य हवाना सिंड्रोम से पीड़ित हो गए हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षणों में माइग्रेन, उल्टी आना, याददाश्त चले जाना, और चक्कर आने जैसे लक्षण शामिल हैं।
2016 में क्यूबा में अमेरिकी दूतावास में मौजूद अधिकारियों में सबसे पहले इस बीमारी के लक्षण पाए गए थे।
क्या है हवाना सिंड्रोम बीमारी
सबसे पहले इस बीमारी के बारे में क्यूबा में पता चला, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कोलंबिया, रूस और उज्बेकिस्तान में भी इसके मामले सामने आए। 24 अगस्त को अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस कि वियतनाम जाने वाली उड़ान में देरी हुई क्योंकि देश की राजधानी हनोई में कुछ संदिग्ध मामले सामने आए थे।
दिमाग पर पड़ रहा है सबसे बुरा प्रभाव
2016 में क्यूबा की राजधानी हवाना में अमेरिकी दूतावास में काम कर रहे कई सीआईए अधिकारियों ने अपने सिर में दबाव और झनझनाहट की शिकायत दर्ज की। वे सभी उल्टी आने और थकान महसूस कर रहे थे, साथ ही उन्हें कुछ भी याद रख पाना मुश्किल हो रहा था। इसके साथ ही उन्हें कान में दर्द और सुनने में भी तकलीफ हो रही थी। बाद में जब दिमाग का स्कैन किया गया तो पाया गया तो पता चला कि जिस तरह से ब्रेन टिश्यू (दिमागी ऊत्तकों) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, वैसे ही क्षतिग्रस्त उत्तक नजर आए थे।
ये सिंड्रोम जानबूझकर पैदा किया गया
वहीं दूसरी तरफ, अमेरिकी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की एक पैनल ने सबसे प्रशंसनीय सिद्धांत प्रतिपादित किया है, जिसके मुताबिक, निर्देशित, स्पंदित रेडियो आवृत्ति ऊर्जा इस सिंड्रोम का कारण हो सकती है। बर्न्स का कहना है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि ये सिंड्रोम जानबूझकर पैदा किया गया हो और उन्होंने रूस पर इसकी आशंका जताई हैं।