बेटे को नशे से बचाने के लिए भेजा था विदेश, जमीन बेचकर किया था पैसों का बंदोबस्त...परिजनों का छलका दर्द
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 12:43 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: विदेश जाकर अपने परिवार को खुशहाल बनाने का सपना देखने वाले कई युवक डिपोर्ट होकर भारत लौट रहे हैं। इन युवाओं ने अपनी सारी बचत और कुछ ने तो अपने घर तक गिरवी रख दिए थे, लेकिन अंत में उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अमेरिका जाने का सपना महंगा साबित हुआ और अब वे अपने किए गए निवेश को लेकर पछता रहे हैं। ऐसी ही दर्द भरी कहानी पंजाब के गांव राजाताल (अमृतसर) के निवासी आकाशदीप सिंह की है। आकाश ने अमेरिका जाने के लिए कुल 60 लाख रुपए खर्च किए थे। वह पहले दुबई गया था, जहां एक एजेंट के संपर्क में आया। उस एजेंट ने उसे डंकी के रास्ते से अमेरिका भेजने का वादा किया।
आकाशदीप के पिता स्वर्ण सिंह बताते हैं कि उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजने का निर्णय इसलिए लिया था ताकि वह नशे या गलत संगत में न पड़े। स्वर्ण सिंह ने बताया कि कुछ महीने पहले आकाशदीप दुबई गया था। वहां से एजेंट ने आकाशदीप से 45 लाख रुपए की मांग की। पहले उन्होंने 6 कनाल जमीन बेचकर कुछ पैसे जुटाए और फिर डेढ़ एकड़ जमीन को गिरवी रखकर बाकी पैसे का बंदोबस्त किया। हालांकि, आकाशदीप की अमेरिका जाने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी और उसे डिपोर्ट कर दिया गया।
अजयदीप सिंह का भी दर्दनाक अनुभव
बाबा दर्शन सिंह कॉलोनी के अजयदीप सिंह भी अमेरिका जाने के सपने के साथ दिल्ली से गए थे। अजयदीप ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद अमेरिका जाने के लिए 45 लाख रुपए एजेंट को दिए थे। इस रकम में से 20 लाख रुपए उसने मुंबई एयरपोर्ट से एजेंट के कारिंदों को दिए थे। बाकी की रकम उसे मेक्सिको बॉर्डर पार करने के बाद देने के लिए कहा गया था। अजयदीप सिंह ने बताया कि डंकी के दौरान वह पनामा के जंगलों में कई दिन भूखे-प्यासे रहे। उनका साथ कई और लड़कों और बच्चों का था। पनामा के जंगलों में उन्होंने कई युवा यात्रियों की लाशें देखीं। अंत में, 22 जनवरी 2025 को उन्हें मेक्सिको में अमेरिकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और डिटेंशन कैंप में भेज दिया।
'घर को गिरवी रख, बैंक से लिया था कर्जा...'
अजयदीप की मां दलजीत कौर का कहना है कि परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने घर को गिरवी रख दिया और बैंक से कर्जा लिया। उनके पति रिटायरमेंट के बाद अब दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करके परिवार चला रहे हैं। अब उनका बेटा डिपोर्ट होकर घर लौट आया है। इन युवाओं के अनुभव यह बताते हैं कि विदेश जाकर पैसा कमाने का सपना बहुत महंगा पड़ सकता है। इन युवाओं ने अपनी पूरी पूंजी तक दांव पर लगा दी थी, लेकिन अंत में उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अब वे अपने परिवारों के सामने खड़ा होने और अपने किए गए फैसलों का पछतावा कर रहे हैं।