गुरुंग का GTA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा, बोले-जारी रहेगा संघर्ष
punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2017 - 02:45 PM (IST)
दार्जिलिंग: राज्य में चल रहा विरोध प्रदर्शन शांत नहीं हुआ है। इससे लोगों के जनजीवन पर काफी असर पड़ा है। वहीं इस सबके बीच बिमल गुरुंग ने जीटीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनिश्चित बंद अभी भी जारी रहेगा। सारी मीटिंग 29 जून तक रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि 27 जून को हम जीटीए अधिनियम और समझौते को जला देंगे।
Indefinite strike to continue,all-party meeting postponed to 29 June;will burn GTA agreement on 27 June: Bimal Gurung, GJM chief #Darjeeling pic.twitter.com/Tl0J1Tffip
— ANI (@ANI_news) June 23, 2017
जीजेएम के महासचिव ने भी दिया इस्तीफा
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के महासचिव रोशन गिरि ने आज गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) की कार्यकारी समिति से इस्तीफा दे दिया। गिरि ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया है और वह इसे जीटीए के प्रधान सचिव को शनिवार के सौंपेगी। पार्टी के फैसले का पालन करते हुए जीटीए से इस्तीफा देने वाले वह पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जीटीए को एक तमाशा बनाकर रख दिया है और जीजेएम तथा पहाड़ों के लोग अलग गोरखालैंड राज्य के इकलौते एजेंडे के लिए लड़ते रहेंगे। अलग राज्य को लेकर आंदोलन की अगुआई कर रहे जीजेएम और दल की आेर से बुलाए गए अनिश्चितकालीन बंद ने पहाड़ों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्ष 2012 से जीटीए की कमान जीजेएम के हाथों में थी और इसका पांच वर्ष का कार्यकाल इस वर्ष पूरा होने वाला था।
सिक्किम के मुख्यमंत्री का समर्थन
सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने अलग गोरखालैंड राज्य के लिए समर्थन करते हुए कहा, यह दार्जिलिंग के लोगों की संवैधानिक मांग को पूरा करेगा। साथ ही इस क्षेत्र में स्थायी शांति लाएगा।
छात्रों के लिए 12 घंटे बंद में छूट
दार्जिलिंग के कई जाने-माने बॉर्डिंग स्कूल्स में छुट्टियां होने वाली हैं जिसके चलते बच्चों के सुरक्षित घर वापिसी की स्कूल प्रशासन को चिंता थी क्योंकि बंद के बीच वे वापिस घर कैसे जा सकते हैं। ऐसे में जीजेएम ने बंद में 12 घंटे की छूट दी है, ताकि स्कूल के छात्र अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच सकें। वहीं बच्चों का कहना है कि अब वे तभी वापिस आएंगे जब जब परिस्थितियां काबू में होंगी।