अब दिल्ली के बाहर फेल हो रहा AAP का जादू!

punjabkesari.in Wednesday, Oct 18, 2017 - 01:24 PM (IST)

नई दिल्ली: गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव परिणाम में आम आदमी पार्टी (आप) को गहरी पटकनी लगी है। यही वजह है कि अब पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर पंजाब की स्थानीय इकाई के नेता भी सामने आकर अपना पक्ष नहीं रख रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि दिल्ली से बाहर अब ‘आप’ का जादू पूरी तरह फेल होता हो रहा है। दिल्ली विधानसभा में जबरदस्त जीत के बाद पार्टी नेतृत्व ने पंजाब चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। 

जीत के बड़े-बड़े दावे किए गए। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी जमकर ‘आप’ के लिए प्रचार किया। पंजाब के प्रभारी रहे संजय सिंह और सहप्रभारी रहे दुर्गेश पाठक ने कमान संभाली। इसके बावजूद ‘आप’ सरकार नहीं बना सकी। चुनाव के बाद दोनों नेताओं ने पंजाब की सियासत से हाथ जोड़ लिया। दिल्ली में बैठे आलाकमान का मानना है कि पंजाब तो सिर्फ पंजाबियों का है। पंजाब इकाई ही स्थानीय स्तर पर संघर्ष करेगी। अब पंजाब विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभा रही ‘आप’ का खास प्रभाव राज्य में नहीं दिख रहा है।


 गुरदासपुर उपचुनाव में ‘आप’ प्रत्याशी सुरेश खजूरिया को सिर्फ 23,579 वोट ही मिले। वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। ‘आप’ के जनाधार में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं को इसकी चिंता जरूर है, लेकिन वे खुल कर नहीं बोल पा रहे हैं। हालांकि, पंजाब चुनाव परिणाम पर डॉ. कुमार विश्वास ने जरूर नेतृत्व की सूझबूझ और रणनीतियों पर सवाल उठाए थे। 

दिल्ली से बाहर ‘आप’ नेतृत्व गुजरात विधानसभा चुनाव की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतराने जा रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निगम चुनाव में भी ‘आप’ अपनी किस्मत आजमाने जा रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि गुरदासपुर उपचुनाव में मिली हार का असर गुजरात विधानसभा और उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव पर नहीं पड़ेगा।


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