सरकार का बड़ा जीएसटी प्लान, केंद्र ने 12% और 28% स्लैब हटाने का दिया प्रस्ताव; अब सिर्फ 5% और 18% टैक्स लागू करने की तैयारी

punjabkesari.in Friday, Aug 15, 2025 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) के ढांचे में परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब देश में 12% और 28% टैक्स स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा और उनकी जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% लागू किए जाएंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार यह प्रस्ताव राज्यों और जीएसटी परिषद को भेजा जा चुका है और इसे दिवाली से पहले लागू किया जा सकता है।

क्या है सरकार का प्रस्ताव?

सरकारी सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत 12% टैक्स स्लैब में आने वाली लगभग 99% वस्तुएं अब 5% टैक्स के दायरे में लाई जाएंगी। इसी तरह, 28% टैक्स स्लैब में शामिल लगभग 90% वस्तुओं को 18% टैक्स स्लैब में शामिल करने का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने तंबाकू, पान मसाला जैसी कुछ विशेष वस्तुओं पर 40% का नया टैक्स स्लैब लागू करने की सिफारिश की है, ताकि इन “पाप-मुक्त वस्तुओं” (Sin Goods) के उपयोग को हतोत्साहित किया जा सके। यह कदम न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा बल्कि व्यापारियों और उद्योगों के लिए जीएसटी अनुपालन की प्रक्रिया को भी सरल बनाएगा।

PM मोदी ने दिए थे संकेत, कहा – ‘दोहरी दिवाली’ का तोहफ़ा मिलेगा

यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण के अनुरूप है। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था “इस दिवाली, देशवासियों को एक बहुत बड़ा तोहफ़ा मिलेगा। हम जीएसटी सुधारों की अगली पीढ़ी लेकर आ रहे हैं, जिससे आम आदमी की ज़रूरतों वाले टैक्स कम होंगे, रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी और देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।”

क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?

यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पिछले 8 वर्षों में जीएसटी प्रणाली में कई सुधार किए जाने के बावजूद अब भी इसका ढांचा कई लोगों के लिए जटिल बना हुआ है। सरकार का मानना है कि टैक्स प्रणाली को और अधिक सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान में मौजूद चार प्रमुख टैक्स स्लैब – 5%, 12%, 18% और 28% – में से दो स्लैब को खत्म कर केवल दो दरें रखने से आम लोगों के लिए टैक्स को समझना आसान होगा, जबकि व्यापारियों और छोटे-मझोले उद्योगों (MSMEs) के लिए अनुपालन की प्रक्रिया भी कम जटिल हो जाएगी। इससे टैक्स से जुड़े विवादों में कमी आएगी और राजस्व प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी। साथ ही जब वस्तुओं पर टैक्स दर कम होगी तो वे सस्ती होंगी, जिससे उनकी मांग बढ़ेगी और देश की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।

कब और कैसे लागू होगा प्रस्ताव?

सरकार ने यह प्रस्ताव राज्यों को विचार के लिए भेज दिया है और इसे जीएसटी परिषद के मंत्रिसमूह (GoM) को भी सौंपा गया है। सूत्रों की मानें तो GST परिषद की अगली बैठक सितंबर-अक्टूबर में हो सकती है, जहां इस बदलाव पर अंतिम मुहर लगेगी।यदि राज्यों की सहमति मिलती है तो इस दिवाली से पहले नए टैक्स स्लैब लागू हो सकते हैं।

क्या होगा आम जनता पर असर?

इस बदलाव से उन लोगों को सीधा लाभ मिलेगा जो रोज़मर्रा की जरूरतों की वस्तुएं खरीदते हैं। 12% स्लैब में आने वाली कई वस्तुएं जैसे कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, घरेलू उपकरण, अब 5% टैक्स के दायरे में आ सकती हैं। वहीं, 28% टैक्स वाले उत्पाद जैसे कि पंखे, हीटर, कुछ सजावटी वस्तुएं, अब 18% टैक्स में आ सकती हैं जिससे ये चीजें सस्ती हो सकती हैं।

MSMEs को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन

PM मोदी के अनुसार यह बदलाव देश के छोटे व्यापारियों और MSMEs के लिए भी वरदान साबित होगा। टैक्स ढांचा सरल होने से उनका टैक्स अनुपालन आसान होगा, लागत घटेगी और प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।

तंबाकू और पान मसाला पर सख्ती

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं पर रियायत नहीं दी जाएगी। तंबाकू, पान मसाला और अन्य 'पाप उत्पादों' पर 40% टैक्स स्लैब प्रस्तावित किया गया है। इससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी और सामाजिक दृष्टिकोण से भी यह एक सख्त लेकिन ज़रूरी कदम है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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