गुरमेहर के दादा का छलका दर्द- ज्यादा से ज्यादा क्या हाेगा, बेटी को मार देंगे?
Tuesday, Feb 28, 2017 - 03:40 PM (IST)
नई दिल्लीः गुरमेहर कौर पर मचे घमासान के बाद अब उनका परिवार अपनी बेटी के समर्थन में आ गया है। पूरे विवाद के बीच गुरमेहर के दादा कंवलजीत सिंह ने पोती का समर्थन करते हुए सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए और साथ ही अपने बेटे को खोने का दर्द भी बयां किया। गुरमेहर के दादा कंवलजीत ने कहा कि हमने बेटा तो खोया ही, अब बेटी को धमकी मिल रही है। कोई चिंता नहीं है, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, बेटी को मार ही तो देंगे ना ये लोग। जब बेटा खोया तो बीजेपी की सरकार थी। आज भी उसी की सरकार है। तब भी हमें कुछ नहीं मिला था और आज भी नहीं मिलेगा। किरण रिजिजू ने भी कह दिया कि देशद्रोह हो रहा है, कौन गुरमेहर के दिमाग में जहर भर रहा है? सरकार मामले को सही तरीके से हैंडल क्यों नहीं कर रही?
सरकार सुलगते मुद्दों को सुलझाए
कंवलजीत सिंह का कहना है कि उनकी पाेती ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। पूरा परिवार उसके साथ है। पंजाबियों ने देश के लिए जान कुर्बान की है। हमारे कई रिश्तेदार रक्षा सेवा और भारतीय सेना में काम कर रहे हैं। इस तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए। सरकार को सुलगते मुद्दों को सुलझाना चाहिए। गुरमेहर ने बिल्कुल सही कहा कि उसके पिता को पाकिस्तान ने नहीं मारा, बल्कि युद्ध में मारे गए। हम उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वो हमें राष्ट्रीयता सिखा रहे हैं। हमने अपना बेटा खोया है, अब क्या साबित करने की जरूरत है। मेरे बेटे के साथ जो हुआ वो युद्ध के दौरान हुआ। अपने बेटे की मौत के लिए किसे जिम्मेदार ठहराएं? वो युद्ध में मारा गया, किसे दोष दें? हम लोग पंजाबी हैं और किसी से डरते नहीं हैं।
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से शुरू हुआ। बुधवार को रामजस कॉलेज में एक सेमिनार आयोजित किया गया था जहां जेएनयू छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी ने विरोध किया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाने से कई छात्र घायल हो गए। इस बवाल के बाद डीयू की छात्रा गुरमेहर ने 140 शब्दों के फेसबुक पोस्ट में पूरे हंगामे को लिखा। गुरमेहर ने एबीवीपी के खिलाफ एक टायरनी ऑफ फियर नाम से एक कैंपेन भी चलाया। देखते ही देखते यह कैंपेन वायरल हो गया। कथित रूप से रेप की धमकी मिलने के बाद बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने उसकी तुलना दाऊद इब्राहिम से कर दी और देखते ही देखते मामले पर राजनीति शुरू हाे गई।