पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न स्थिति का आकलन कर रही सरकार: नागर विमानन मंत्री नायडू
punjabkesari.in Monday, Apr 28, 2025 - 05:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बंद होने से उत्पन्न स्थिति का आकलन कर रही है और उसे पूरी तरह समझने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय विमानन सेवाओं के साथ, समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते से भारतीय एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोक दिया है। इस घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में नागर विमानन मंत्रालय एयरलाइन्स से जुड़े पहलुओं का मूल्यांकन करेगा जिनमें उच्च परिचालन लागत के कारण विमान किरायों में संभावित वृद्धि शामिल है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं... और विमानन कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।'' हवाई क्षेत्र के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, विशेष रूप से उत्तर भारतीय शहरों से उड़ान भरने वाले विमानों के उड़ान घंटे लंबे हो रहे हैं और एयरलाइन की परिचालन लागत बढ़ रही है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने विमानन कंपनियों से लंबे समय तक हवाई क्षेत्र बंद रहने की स्थिति में संभावनाओं और आकलन पर काम करने को कहा है। उन्होंने इस संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हमें कोई निर्णय लेने से पहले (हालात को) पूरी तरह समझना होगा।'' यह पूछे जाने पर कि क्या हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए हवाई यात्रा के किराए के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी करने की कोई योजना है, नायडू ने संकेत दिया कि सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न होने वाली हर स्थिति पर गौर किया जाएगा और अगर किराये बड़े स्तर पर प्रभावित होते हैं तो मंत्रालय इस मामले को जरूर देखेगा। नायडू ने कहा कि मौजूदा स्थिति में, मंत्रालय यात्रियों के पहलुओं पर विचार कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि सुरक्षा मुख्य प्राथमिकता रहे। वह राष्ट्रीय राजधानी में एआई इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा आयोजित ‘एविएशन हॉराइजन 2025' सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बात कर रहे थे। विमानन विश्लेषण संस्था ‘सिरियम' के आंकड़ों से पता चला है कि भारतीय एयरलाइन्स विभिन्न अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए 6,000 से अधिक उड़ानें संचालित करने वाली हैं।