Budget 2025: सरकार ने क्रिप्टो-एसेट लेनदेन के लिए नई अनुपालन आवश्यकताएं पेश की
punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 06:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क : 2025 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार पर 30 प्रतिशत कर लगाने का फैसला बरकरार रखा गया है। इसके अलावा, सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया खंड जोड़ा है, जिसके तहत क्रिप्टो-एसेट्स से होने वाली लेनदेन की जानकारी देना अब अनिवार्य होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में यह घोषणा की कि आयकर अधिनियम में धारा 285BAA को शामिल किया जाएगा, जिससे क्रिप्टो-एसेट्स के लेन-देन का विवरण सरकार को देना जरूरी हो जाएगा। इसके अलावा, "वर्चुअल डिजिटल एसेट" (VDA) को अघोषित आय की परिभाषा में शामिल किया जाएगा, जैसे अब तक जुए, घुड़दौड़ और क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाली आय को रिपोर्ट किया जाता था।
सरकार ने क्रिप्टो-एसेट्स की परिभाषा को भी विस्तार दिया है, जिसमें क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा और वितरित लेज़र तकनीक पर निर्भर क्रिप्टो-एसेट्स शामिल हैं। ये बदलाव 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे और इनका उद्देश्य भारत में डिजिटल परिसंपत्तियों के लेन-देन पर निगरानी और अनुपालन को मजबूत करना है।
नए नियमों के तहत, क्रिप्टो-परिसंपत्ति में काम करने वाली इकाइयों को एक निर्दिष्ट प्रारूप में आयकर प्राधिकरण को लेनदेन का विवरण प्रस्तुत करना होगा। अगर किसी इकाई द्वारा जानकारी में गलती पाई जाती है, तो उसे सुधारने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने नए प्रस्तावों को लेकर संदेह जताया है, खासकर यह स्पष्ट नहीं है कि क्रिप्टो-परिसंपत्तियों के अलावा सेमी-फंजिबल टोकन (SFT) और अन्य डिजिटल एसेट्स को रिपोर्टिंग के दायरे में लाया जाएगा या नहीं। यह कदम वित्तीय वर्ष 2022 में क्रिप्टो-परिसंपत्तियों पर कराधान के नियमों के तहत उठाए गए थे, जिसमें 30 प्रतिशत कर लगाया गया था और लेन-देन पर 1 प्रतिशत TDS लागू किया गया था।