निर्भया की मां का फूटा दर्द, बोलीं- SC, सरकार और पटियाला कोर्ट तमाशा देख रहे हैं

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 07:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों की सोमवार को तीसरी बार फांसी टल गई है। इससेपहले पटियाला कोर्ट ने 3 मार्च को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था। लेकिन फांसी के समय से 12 घंटे पहले कोर्ट ने फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाते हुए कहा कि ऐसे में जब पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, फांसी नहीं दी जा सकती।
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वहीं, इस मामले में निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि यह सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है। आज लोगों के बीच संदेश जा रहा है कि हमारे देश में इंसाफ से ज्यादा मुजरिमों को सपोर्ट दिया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि हमारा सिस्टम भी दोषियों के बचाव के लिए है।
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उन्होंने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट, पटियाला कोर्ट और सरकार से पूछना चाहिए कि सभी दोषियों को फांसी कब तक होगी। मैं हर रोज हारती हूं और फिर से खड़ी हो जाती हूं। आज एक बार फिर से हारी हूं। लेकिन हार मानने के लिए तैयार नहीं हूं। फिर से खड़ी हुई हूं और सबको फांसी के फंदे तक पहुंचाऊंगी।
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निर्भया की मां ने आगे कहा, उन्हें फांसी देनी पड़ेगी, क्योंकि अगर उन्होंने बताया है कि संविधान में सजा जैसा कोई प्रावधान है तो निर्भया से ज्यादा भयावह जुर्म और कोई नहीं हो सकता। उसके साथ जिस तरह की बर्बरता हुई, जिस तरह से उसे मारा गया, रोड पर फेंका गया था। यहां तक कि उसकी अंतड़ियां शरीर से बाहर निकालकर फेंक दी गईं। इसके बावजूद पिछले 7 सालों से उसे इंसाफ दिलाने के लिए मैं संघर्ष कर रही हूं और सरकार, सुप्रीम कोर्ट और पटियाला कोर्ट तमाशा देख रहे हैं। हर रोज कोई ना कोई बच्चियां जलाई जा रही है लेकिन इनके कानों तक यह सब नहीं पहुंच रही है।
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क्या बोले निर्भया के पिता
कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा है कि जेल प्रशासन की कुछ खामियां थीं, जिसके तहत फांसी टली है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है, यह प्रक्रिया का हिस्सा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं थे, उनके आने के बाद दोषी की याचिका वहां गई है। यह प्रोसीजर होना ही था। उम्मीद है कि अगली डेट जो होगी वह फाइनल डेट होगी। दोषियों को फांसी होकर रहेगी।

 


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Yaspal

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