देश की इकोनॉमी को लेकर आई खुशखबरी, 7.5 % की दर से बढ़ेगी GDP, रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 12:36 AM (IST)
नेशनल डेस्क: देश की अर्थव्यवस्था ने जुलाई–सितंबर तिमाही में जो रफ्तार पकड़ी है, उसने सभी विशेषज्ञों और नीति निर्धारकों को चौंका दिया है। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च टीम ने मंगलवार (18 नवंबर 2025) को अनुमान लगाया कि इस तिमाही में देश की वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.5% या उससे भी अधिक रह सकती है। यह आंकड़ा RBI के 7% के अनुमान को भी पीछे छोड़ता दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह तेज़ी GST दरों में कटौती के बाद आए त्योहारी बूम का सीधा परिणाम है, जिसने बाज़ार में लंबे समय बाद जोश भर दिया।
खरीदारी ने कर दिया कमाल, बदल गया बाज़ार का मूड
SBI रिसर्च के अनुसार, GDP ग्रोथ को कई मजबूत कारकों से सहारा मिला, जिनमें शामिल हैं—
- निवेश गतिविधियों में तेज़ी
- ग्रामीण खपत में सुधार
- सेवा और विनिर्माण क्षेत्रों में उछाल
रिपोर्ट साफ कहती है कि GST का तर्कसंगत होना एक बड़ा ढांचागत सुधार साबित हुआ, जिसने त्योहारी उत्सवों के दौरान उपभोक्ताओं को खुलकर खर्च करने का भरोसा दिया। GST दरों में कमी से बची राशि को लोगों ने खरीदारी में जमकर खर्च किया।
छोटे शहरों में खर्च का धमाका
खर्च में बढ़ोतरी का यह रुझान केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा। SBI रिसर्च के क्रेडिट और डेबिट कार्ड खर्च विश्लेषण ने दिखाया कि-
- ऑटो, किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स
- फर्नीचर और यात्रा जैसी श्रेणियों में क्रेडिट कार्ड खर्च में तेज़ उछाल दर्ज हुआ।
सबसे खास बात- मिड-टियर शहरों में मांग सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी। ई-कॉमर्स की बिक्री लगभग सभी शहरों में बढ़ी है, जिससे साबित होता है कि GST कटौती का फायदा अब छोटे शहरों तक भी पहुंच चुका है। उपभोक्ताओं को मासिक 7% तक की बचत का लाभ मिल रहा है, जिससे खपत और बढ़ने की उम्मीद है।
बड़ी खरीदारी भी रफ्तार पर, कार बिक्री ने मारे झटके
त्योहारी सीजन में न सिर्फ रोजमर्रा के सामान, बल्कि महंगे उत्पादों की खरीद में भी भारी उछाल दिखा।
- कार बिक्री सभी क्षेत्रों में 19% की दो-अंकीय वृद्धि पर पहुंच गई।
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह ग्रोथ सबसे तेज़ रही।
- बेची गई कारों में से 39% कारें 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली रहीं।
यह साफ इशारा है कि उपभोक्ताओं का भरोसा मजबूत हो रहा है और महंगे सामान खरीदने में संकोच कम हो रहा है।
GST कलेक्शन ने रचा रिकॉर्ड, खजाना भी हुआ फुल
SBI रिसर्च का अनुमान है कि नवंबर 2025 में सकल घरेलू GST कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। और अगर आयात पर IGST और सेस जोड़ दिया जाए, तो कुल GST कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये पार कर सकता है। त्योहारी खर्च की इस लहर ने अर्थव्यवस्था में नई जान भर दी है- और आने वाले महीनों में भी इस ग्रोथ मोमेंटम के जारी रहने की उम्मीद की जा रही है।
